डायरी -- 4 (07 /01 /2021 )
डायरी आज तुम्हें अपनी बचपन की
मित्र से मिलवाती हूँ | तुम्हें भी वह बहुत
पसंद आएगी | उसका नाम पूनम है | एक
साथ स्कूल में पढ़ते -पढ़ते बड़े हुए हम
दोनों | साथ स्कूल जाते और साथ ही लौटते |
घर पर भी साथ -साथ ही पढ़ते | कॉलेज में
भी साथ ही पढ़े | शादी के बाद अलग शहर
में बसे | मगर मिलना -जुलना बना रहा |
प्यार में दूरियाँ तो समाप्त ही हो जाती हैं |
स्कूल ,कॉलेज की यादें मिलने पर ताजा हो
जाती हैं | उसके पति हम दोनों को
" लंगोटिया यार " कहते हैं ,तो खूब ठहाके
लगते हैं | धन्यवाद डायरी ,मेरी दोस्त से
मिलने के लिए |
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