Tuesday, January 5, 2021

DAYARI -- 3 (06/01/2021 )

       डायरी  - 3  ( 06 /01 /2021  )

जिंदगी सीधी राह पर चलने लगी | प्रिंसिपल 

का प्यार भरपूर मिला | वह मुझे अपनी बेटी 

मानने लगीं | मैं भी प्रसन्न थी | मेरे दिल लगाकर 

काम करने के कारण उन्होंने मुझे भरपूर 

सहयोग दिया | कुछ सहकर्मियों से दोस्ती हुई ,

कुछ ने मुझे छोटी बहिन बनाया | स्कूल का 

वातावरण बहुत प्यार भरा ,सहयोग भरा था | 

समय जैसे पंख लगाकर उड़ने लगा | ऐसे में ही 

बेटी डॉक्टर और बेटा इंजीनियर बन गए | जिंदगी 

बहुत मीठी हो गई | 

धन्यवाद उस ईश्वर का ,जिसने सब कुछ इतना 

अच्छा और सुन्दर कर दिया |

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