सिंगार
दुल्हन खड़ी है खेत में ,कर सोलह सिंगार ,
देखकर उसकी आँखें ,हम तो हुए शिकार |
दुल्हन का सिंगार है,मानो आई बहार ,
इतना ही हम चाहते ,करले आँखें चार |
इस दुल्हन को देखकर ,मुस्काई है बहार ,
हम तो बंधु मर मिटे ,जब कीं उसने आँखें चार |
वो है नशीली आँखों वाली,मस्ती का जाम पिलाए ,
ऐसा लगता है हमें ,हमने होश गँवाए |
लाओ हमको होश में ,बंधु कुछ तो करो जतन ,
बात कराओ दुल्हन से ,करके कोई जतन |
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