Friday, January 29, 2021

MEGHA RE ( GAON KI CHHANV ) BHAG -- 26

 

   मेघा रे   (  गाँव की छाँव )  भाग --- 26 

 

जारे कारे बदरा जा ,साजन के उस गाँव में ,

रिमझिम बूँदें बरसाना ,पीपल की ठंडी छाँव में | 

 

रंगीले गीतों की गूँज ,मिलेगी पनघट तीरे ,

स्वर लहरी की लहरें ,सजाएंगी चूनर की तीरें ,

 सुनते जाना गीत मधुर तुम ,उस प्यारे से गाँव में ,

      रिमझिम बूँदें --------  | 


प्यार घूमता मिलेगा तुमको ,पगडंडी और गलियों में ,

तड़प छिपी से मिल जाएगी,फूली सरसों जिन खेतों में, 

प्यार की तड़प को तुम मेघा ,ले आना अंचरा की छाँव में ,

      रिमझिम बूँदें --------- | 


नन्हीं बूँदों का अमृत ,फैलाओगे चहुँ ओर जलद ,

खिल जाएगा हर तड़ाग में ,प्यारा एक मनहर जलज ,

उस अनुपम प्यार को ,लाओगे जो मेरे मेघा ,

प्यार से भर लूँगी ,तुमको अपनी बाँहों में ,

        रिमझिम बूँदे ---------- | 

 

  

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