मेघा रे ( गाँव की छाँव ) भाग --- 26
जारे कारे बदरा जा ,साजन के उस गाँव में ,
रिमझिम बूँदें बरसाना ,पीपल की ठंडी छाँव में |
रंगीले गीतों की गूँज ,मिलेगी पनघट तीरे ,
स्वर लहरी की लहरें ,सजाएंगी चूनर की तीरें ,
सुनते जाना गीत मधुर तुम ,उस प्यारे से गाँव में ,
रिमझिम बूँदें -------- |
प्यार घूमता मिलेगा तुमको ,पगडंडी और गलियों में ,
तड़प छिपी से मिल जाएगी,फूली सरसों जिन खेतों में,
प्यार की तड़प को तुम मेघा ,ले आना अंचरा की छाँव में ,
रिमझिम बूँदें --------- |
नन्हीं बूँदों का अमृत ,फैलाओगे चहुँ ओर जलद ,
खिल जाएगा हर तड़ाग में ,प्यारा एक मनहर जलज ,
उस अनुपम प्यार को ,लाओगे जो मेरे मेघा ,
प्यार से भर लूँगी ,तुमको अपनी बाँहों में ,
रिमझिम बूँदे ---------- |
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