Sunday, January 17, 2021

MEGHA RE ( MEGHA ) BHAG -- 24

मेघा रे  (मेघा  ) भाग -- 24 


पैरों के नीचे दूधिया चमकीले मेघा ,

ऊपर गहरा नील गगन ,

बीच में हैं मैं और मेरा अंश ,

देखते चहुँ ओर उसके चमकीले नयन | 


चारों ओर बना है घेरा ,

चमकीले क्षितिज का ,

जिसका बिखरता प्रकाश ,

कर रहा है नाश रात के तिमिर का | 


मेघों के ऊपर नन्हें कदम बढ़े ,

धीरे -धीरे मेरे नन्हें अंश के ,

गुदगुदाहट महसूस कर के ,

मुस्कराहट बिखराई नन्हें अंश ने | 


हाथों की मुट्ठियाँ भी ,तैरी हैं यूँ हवा में ,

जैसे की उड़ रहा हो ,संग बदरा के हवा में,

नन्हें नयनों की चमक ने ,फैलाया है उजाला ,

किलकारियों ने उसकी ,संगीत है संवारा | 

 

 


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