बगिया मेरी
बहुमंजलीय इमारत के फ्लैट में ,
बगीचा बनाना है मुश्किल दोस्तों ,
मगर वहाँ बगीचा बनाया हमने दोस्तों ,
छत पर गमले रख ,पौधे लगाकर ,
वो पौधे सजाए हमने दोस्तों |
बहुत से थे पौधे ,तुलसी ,पुदीना ,नीम ,
एलोवेरा ,करी -पत्ता और थे फूलों वाले ,
सभी से हमें प्यार इतना था ,
कि हम उनकी देखभाल ,
अपने से ज्यादा करते थे दोस्तों |
खिलते खूब फूल ,बगिया में हमारी ,
महसूस हमें होता ,हमारी यही हैं ,
गुलमर्ग की हसीन वादियाँ दोस्तों ,
तारों की छाँव में ,बगिया में अपनी ,
कुर्सी डालकर बैठना तो लाजवाब था दोस्तों |
अपने पौधों से हम बातें करते थे दोस्तों ,
उनको छूने और बातें करने पर ,
लगता था वो भी जवाब दे रहे हैं दोस्तों ,
मेरे साथ वो भी मुस्कुरा रहे हैं दोस्तों |
वो अहसास अनोखा था दोस्तों ,
आज वो बगिया छूट गई है दोस्तों ,
मगर उस जीवन का ,
उन खुश्बुओं का अहसास ,
अभी भी मेरे अंदर है दोस्तों ,
आज आपसे भी अपने दिल का ,
अहसास शेयर किया है दोस्तों |
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