डायरी मेरी सखि ( 05 /04 /2021 )
कलम चलाऊँ मैं अपनी ,और दिल की बात बताऊँ ,
सुनती जा तू सखि मेरी ,किस्सा तुझे सुनाऊँ |
एक बार हम गए पिकनिक पर,कॉलेज के साथियों के संग,
ऋषिकेश की गंगा किनारे ,हमने जमाया रंग |
फिल्म की शूटिंग थी चलती,कलाकारों की अदाकारी,
हम सब को भायी थी तब ,वक्त की ये फुलकारी |
नहीं पता था पहले हमको ,वहाँ होगी शूटिंग उस दिन ,
अचानक मिलने वाले सरप्राईज़ से हम तो हो गए दंग |
जी भर कर शूटिंग देखी ,गाना जो गया वहाँ फिल्माया ,
बाद में सखि सुन बहुत ही दिल से ,हमने वो गाया ,गुनगुनाया |
वो गाना था ------
"गंगा तेरा पानी अमृत ,झर -झर बहता जाए ,
युग -युग से इस देश की धरती ,तुझसे जीवन पाए |"
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