Monday, April 19, 2021

PAHIYA SAMAY KA ( KAAL CHAKR )

 

           पहिया समय का 

 

काल यानि समय का पहिया ,

घूमता रहता है ,चलता रहता है ,

उसी के अनुसार नए मानव ,

आते रहते हैं ,जाते रहते हैं |

 

ईसा पूर्व बहुत समयपहले ,

अवतरित हुआ एक महापुरुष ,

हिंदुस्तान की सरजमीं पर जन्म लिया ,

एक पुण्यात्मा ने ,नाम था उसका चाणक्य | 

 

बहुत बुद्धिशाली ,बहुत बलशाली ,

सच्चा देशभक्त ,देश पे जान देने वाला ,

कुशाग्र बुद्धि ,हिंदुस्तान का सच्चा हीरा ,

ऐसा था वह हमारा चाणक्य | 

 

बहुत पढ़ाई करके ,

ज्ञान के भंडार को ,आत्मसात करके ,

उस समय विश्व विद्यालयों की स्थापना करके ,

ज्ञान के भंडार को हिंद के बच्चों में ,

वितरित करने का ,उनके ज्ञान के वृक्ष को ,

पल्लवित करने का श्रेय ,

चाणक्य महान को जाता है | 

 

एक निर्दयी ,अत्याचारी राजा धनानंद को ,

हटाकर ,एक बुद्धिमान ,उगते सूर्य जैसा ,

उसको राजसिंहासन पर बैठाया ,

उसकी शक्तियों को पहचान ,

उनको विकसित कर ,प्रजा को सुखी बनाया | 

 

कुछ ग्रन्थ लिखे, जिनमें अपने अंदर ,

  दिल -दिमाग में पल्लवित ज्ञान को ,

उन ग्रंथों में उंडेलकर ,

आने वाली पीढ़ियों के लिए संजोया | 


किसी भी देश के राजा की योग्यता ,

राजा के कर्त्तव्य ,और अधिकार ,

चाणक्य ने वर्णित किए ,

जो एक राजा को जानने जरूरी थे | 


चाणक्य एक महान अर्थशास्त्री थे ,

करीब   25   शतक बीतने के बाद भी ,

आज भी उनका अर्थशास्त्र ,

एक प्रकाश -स्तंभ के समान खड़ा है | 


देश की अर्थ -व्यवस्था कैसी हो ? 

कैसे उसे लागू किया जाए ? 

कैसे आगे बढ़ाया जाए ? 

यही सब था चाणक्य का ,महान नजराना ,

आगे आने वाली पीढ़ियों के लिए ,

देश की भावी संतानों के लिए | 

जय हिंद ,वंदे मातरम | 

 

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