काहे ?
तेरी याद में हम तो तड़प गए ,
काहे साजन परदेस गए ?
एक झलक को नैना मेरे तरस गए ,
काहे साजन परदेस गए ?
ना याद आईं तुमको मुहब्बत की बातें ,
भुला दीं तुमने कैसे बीतीं वो रातें ?
यादों में जिनकी हम तड़प गए ,
काहे साजन परदेस गए ?
बाँहों के बंधन खुल के पैन हैं दूरियाँ ,
तेरे मेरे बीच सजना कितनी मजबूरियाँ ,
फूलों के गुंचे भी तो चटक गए ,
काहे साजन परदेस गए ?
No comments:
Post a Comment