मुक्तक ( 3 )
1 )
वक्त -ए -रुखसत पर ,कोई ना गिला करना ,
जाने के बाद वहाँ ,ना याद हमें करना |
2 )
बैठी हूँ आस लिए ,अपने व्याकुल मन में ,
एक याद तो होगी मेरी भी ,मेरे साजन के मन में |
3 )
इस शुभ घड़ी में हमदम ,देती हूँ दुआ तुझको ,
लग जाए बाकि सारी ,मेरी भी उम्र तुझको |
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