Friday, April 16, 2021

MUKTAK ( 01 )

 

       मुक्तक  ( 01  ) 


1)   होंठ  खुल सके उनके ,

लव्ज़ ना खिल सके उनके ,

ये दुनिया का ख्याल है ,

मेरे ख्याल में तो उनकी ,

नजरें ही सब कुछ कह गईं ,

क्या होता गर ? 

होंठ खुलते ,लव्ज़ खिलते ,

पर नजरें झुकी रहतीं | 


2 ) आए वो महफ़िल में ,

पलकें ना उठीं उनकी ,

झुकी हुई नज़रों से ही ,

दिल को घायल कर गए ,

ऐ दोस्त क्या होता गर ? 

वो पलकें उठा लेते | 


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