फूल गुणों के
खुश्बु जैसे गुण रखो तुम ,फैले वो चहुँ ओर ,
तुम उनमें डूबे रहो ,नहीं मचाओ शोर |
गुण तो हैं बड़ा खजाना ,सदा इन्हें अपनाओ तुम ,
जीवन की इस बगिया में ,गुणों के फूल खिलाओ तुम |
सद्गुण है एक सूरज ,खूब उजाला करता ,
दुनिया को ये अपनी ,रश्मियों से भर देता |
प्यार का गुण है बहुत ही मीठा ,इसे सदा अपनाओ तुम ,
प्यार के फूलों से ही बंधु ,दुनिया को महकाओ तुम |
दिल में गुणों की खान है बंधु ,इसको सदा बढ़ाओ तुम ,
गुण जब बढ़ जाएँगे बंधु ,खुशियों को पा जाओ तुम |
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