Thursday, June 23, 2022

KHILAA DAALO ( PREM )

 

                     खिला डालो 

 

कोई लिखे है गीत ,कोई लिखे मन की कविता ,

कोई लिखे कव्वाली ,तो कोई लिखे ग़जल ,

जिंदगी के ऊबड़ -खाबड़ रास्तों में ,

कोई खिलाए गुलाब ,तो कोई खिलाए कमल | 

 

जो मन में आए ,लिख डालो बंधु ,

बस प्रेम ,प्यार ही ,जग में फैलाओ बंधु ,

नफरतों को तो जहाँ से ,दूर ही कर दो बंधु ,

मुस्कानों के फूल ही ,खिला डालो बंधु | 


रंग जिंदगी का ,फीका ना पड़ने पाए कभी ,

जिंदगी में ऐसे गहरे ,रंग तुम भर दो बंधु ,

होठों पे सभी के ,मुस्कानें खिलें ,

ऐसे हालात तुम ही ,पैदा कर दो बंधु | 


गीतों की मिठास ,सभी के दिल में उतर जाए ,

कुछ ऐसा जुगाड़ तुम ,कर लो बंधु ,

हर कोई तुम्हें याद करे ,तुम्हारे जाने के बाद भी ,

आज ही ऐसा कुछ ही ,तुम लिख डालो बंधु | 


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