खिला डालो
कोई लिखे है गीत ,कोई लिखे मन की कविता ,
कोई लिखे कव्वाली ,तो कोई लिखे ग़जल ,
जिंदगी के ऊबड़ -खाबड़ रास्तों में ,
कोई खिलाए गुलाब ,तो कोई खिलाए कमल |
जो मन में आए ,लिख डालो बंधु ,
बस प्रेम ,प्यार ही ,जग में फैलाओ बंधु ,
नफरतों को तो जहाँ से ,दूर ही कर दो बंधु ,
मुस्कानों के फूल ही ,खिला डालो बंधु |
रंग जिंदगी का ,फीका ना पड़ने पाए कभी ,
जिंदगी में ऐसे गहरे ,रंग तुम भर दो बंधु ,
होठों पे सभी के ,मुस्कानें खिलें ,
ऐसे हालात तुम ही ,पैदा कर दो बंधु |
गीतों की मिठास ,सभी के दिल में उतर जाए ,
कुछ ऐसा जुगाड़ तुम ,कर लो बंधु ,
हर कोई तुम्हें याद करे ,तुम्हारे जाने के बाद भी ,
आज ही ऐसा कुछ ही ,तुम लिख डालो बंधु |
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