उधार लो
जीवन मिला छोटा सबको ,प्रेम ही कर लो बंधु ,
छोटे से जीवन को ,मुस्कानों में व्यतीत कर लो ,
जीवन के हर पल को ,प्रेम में डुबा लो बंधु |
नफरतों को ना ,आने दो जीवन में ,
शिकायतों के लिए ,दरवाजा न खोलो ,
दोस्तों की दोस्ती में ,जीवन को डुबा लो बंधु |
प्रकृति के हर रूप को ,प्यार कर लो ,
उसको प्यार से ,संवार लो ,निखार लो ,
प्रकृति की महक में ,खुद को डुबा लो बंधु |
रंग हर मौसम का ,अनोखा है ,
हर लहर का स्वाद भी ,सबने चखा है ,
फिर क्यूँ ना लहरों का ,स्वाद भी उधार लो बंधु |
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