कौन झंकाए ?
बड़ा बदलाव हो हर जगह ,रूप दुनिया का हो नया ,
मगर करेगा कौन ?ये सोचो ,हर रास्ता नया |
जीवन खुशियों में डूबा हो ,ना हो ग़म की परछाईं ,
मगर करेगा कौन ? ये सोचो ,दूर काली परछाईं |
आँगन खुश्बु से महका हो ,फूलों की रंगत हो छाई ,
मगर करेगा कौन ? ये सोचो ,बगिया में फूलों की भरपाई |
घरों में रोशन हो हर कोना ,चमक जाए ,दमक जाए ,
मगर करेगा कौन ? ये सोचो ,कौन सूरज को ले आए ?
गीत ,संगीत हो हर ओर ,प्यार के नगमे गुंजाएँ ,
मगर करेगा कौन ? ये सोचो ,जलतरंग कौन झंकाए |
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