Sunday, June 5, 2022

MUSKAAN TERI MERI ( CHANDRAMA )

 

                मुस्कान तेरी मेरी 

 

गगन के चंदा ,आ उतर कर ,

गप्पें मारेंगे ,ढेर सारी ,

खिड़की से तू अंदर आना ,

खुलीं हैं मेरी खिड़की सारी | 

 

 तू तो सखा है मेरा चंदा , 

मैं भी तेरी सखी हूँ चंदा ,

कई दिनों से हुईं ना बातें ,

वो सब हुईं इकट्ठी सारी | 


मुझे देख कर तू खुश होता ,

तुझे देख कर मैं खुश होती ,

तेरी प्यारी सी मुस्कानों पर ,

मैं तो जाती चंदा वारि  | 


तू तो नीचे आ सकता है ,

मैं नहीं ऊपर आ सकती चंदा ,

मेरे पास नहीं कोई सीढ़ी ,

जो मैं आऊँ दुनिया थारी | 


मुस्कानें चंदा अपनी हैं ,

इक दूजे को खुश करती हैं ,

दुनिया भी अपनी मुस्कानों को ,

देख - देख मुस्काती सारी | 


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