Thursday, June 16, 2022

KYAA HOGA ? ( JIVAN )

 

                             क्या होगा ? 

 

संसार बनाया रचयिता ने ,

उसी में सबसे सुंदर रचना ,बनाई मानव उसने ,

दिया मुस्कान का वरदान ,मानव को उसने ,

लेकर मानव सब भूल गया ,

बेईमानी में सिर तक डूब गया | 

 

सुंदर से संसार को किया नष्ट ,

क्योंकि मानव हो गया भ्रष्ट ,

संसार को नहीं रखा उसने स्वच्छ ,

संसार के संसाधन हो गए नष्ट | 

 

संसार का जो नुकसान हुआ ,

तो मानव ने मानो अपने लिए कुँआ खोदा ,

गिरा मानव उसी में खुद ,

सब सुख हुए मानव के नष्ट | 

 

आज संसार में सब कुछ है नष्ट ,

आज मानव हो रहा है त्रस्त ,

महामारी का जोर है ,लाचारी का जोर है ,

क्या मानव इस सब से उबरेगा ? 

क्या उसका जीवन स्तर सुधरेगा ? 

क्या होगा ? पता नहीं ,पता नहीं | 

 

 

 

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