धारा जीवन की
जीवन की राहें टेढ़ी -मेढ़ी ,ऊँची - नीची ,
कभी लगें सरल ,फिसलते हुए पार कर लो ,
मगर कभी लगता ,राहें पार करना कठिन |
समय कभी दुःख देता तो लगता ,
हम कभी उस समय को ,पार ना कर पाएँगे ,
उलझ कर समय के ,चक्रव्यूह में रह जाएँगे |
परिस्थितियों में फँसे ,हम कैसे निकलेंगे ?
अपने ही दिल में ,चलते चक्रवात से ,
उसी चक्रवात का ,रास्ता बहुत कठिन है |
मगर अचानक ,एक उजली किरन ,
एक ठंडी बयार ,कानों में मानो गुनगुनाई ,
होंठों पर मुस्कान उभर आई ,राहें बदल गईं |
ये क्या हुआ ? किसने किया ये सब ?
है ना एक अदृश्य शक्ति दोस्तों ?
जो बदल गई जीवन - धारा |
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