रम जाओ
रचनाकार ने ,जिंदगी दी अपनी रचनाओं को ,
तीन दिन दिए ,पहला दिन जन्म का ,तीसरा दिन मृत्यु का ,
बीच में था दूसरा दिन ,जो लंबा था ,
उसकी रचनाएँ कुछ भी करके ,अच्छा या बुरा ,
कैसे भी उसे बिता सकती हैं ?
सब कुछ चुनना उन रचनाओं को है ,
प्यार ,विश्वास ,मुस्कानें बाँटें सभी को ,
या नफरत ,धोखा और आँसू बाँटें |
सत्कर्म करके ,रचनाकार की मेहनत को ,
सफल करें और उसे धन्यवाद दें ,
या दुष्कर्म कर ,रचनाकार की मेहनत को ,
असफल करें और उसको दुःखी करें |
रचनाकार का विश्वास जीत लो बंधु ,
उसकी मेहनत सफल करो ,
दुनिया में प्यार ही प्यार फैलाओ ,
मुस्कानें फैलाओ ,
" वसुधैव कुटुंबकम " में रम जाओ ||
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