Saturday, December 24, 2022

RUMM JAO ( AADHYATMIK )

 रम जाओ 


 रचनाकार ने ,जिंदगी दी अपनी रचनाओं को ,

तीन दिन दिए ,पहला दिन जन्म का ,तीसरा दिन मृत्यु का ,

बीच में था दूसरा दिन ,जो लंबा था ,

  उसकी रचनाएँ कुछ भी करके ,अच्छा या बुरा ,

कैसे भी उसे बिता सकती हैं ?

 

सब कुछ चुनना उन रचनाओं को है ,

प्यार ,विश्वास ,मुस्कानें बाँटें सभी को ,

या नफरत ,धोखा और आँसू बाँटें | 


सत्कर्म करके ,रचनाकार की मेहनत को ,

सफल करें और उसे धन्यवाद दें ,

या दुष्कर्म कर ,रचनाकार की मेहनत को ,

असफल करें और उसको दुःखी करें | 


रचनाकार का विश्वास जीत लो बंधु ,

उसकी  मेहनत सफल करो ,

दुनिया में प्यार ही प्यार फैलाओ ,

मुस्कानें फैलाओ ,

" वसुधैव कुटुंबकम " में रम जाओ || 


 

      

 

                                     



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