गुनगुनाओ
जिंदगी की हदों को पार करके ,
बेहद प्यार छलका दो दोस्तों ,
हदें तो होती हैं देशों के बीच ,
उन्हें पार कर जाओ तुम दोस्तों |
दुनिया जब बनाई उस रचेता ने ,
कोई हद ना उसने तो देखी ,
बेहद दुनिया की रचना की उसने ,
सारी हदें तो मानव ने ही खींचीं |
खूबसूरती देख दुनिया की ,
मानव बहुत ही मुस्काया ,
प्रकृति ने मुस्कान देखी मानव की ,
खुद को बहुत खिलखिलाया |
दोस्त बन सभी को प्रेम करो ,
यही सब रचेता प्रकृति ने सिखाया ,
इस सीख को सदा याद रखो तुम ,
प्रेम भी तो तभी छलछलाया |
जो जिंदगी मिली है ,है बहुत सुंदर ,
इसलिए तुम सदा गुनगुनाओ ,
सभी के ऊपर तुम प्यार का ,
सदा संगीत सरसराओ |
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