Sunday, December 4, 2022

GUNGUNAAO ( GEET )

  

                       गुनगुनाओ 


जिंदगी की हदों को पार करके ,

बेहद प्यार छलका दो दोस्तों ,

हदें तो होती हैं देशों के बीच ,

उन्हें पार कर जाओ तुम दोस्तों | 


दुनिया जब बनाई उस रचेता ने ,

कोई हद ना उसने तो देखी ,

बेहद दुनिया की रचना की उसने ,

सारी हदें तो मानव ने ही खींचीं | 


खूबसूरती देख दुनिया की ,

मानव बहुत ही मुस्काया ,

प्रकृति ने मुस्कान देखी मानव की ,

खुद को बहुत खिलखिलाया | 


दोस्त बन सभी को प्रेम करो ,

यही सब रचेता  प्रकृति ने सिखाया ,

इस सीख को सदा याद रखो तुम ,

प्रेम भी तो तभी छलछलाया | 


जो जिंदगी मिली है ,है बहुत सुंदर ,

इसलिए तुम सदा गुनगुनाओ ,

सभी के ऊपर तुम प्यार का ,

सदा संगीत सरसराओ |

No comments:

Post a Comment