Sunday, December 18, 2022

KHAATA PREM KAA ( PREM )

 

               खाता  प्रेम का 


बीज डालो प्रेम का ,पौधा नन्हा उग जाय ,

धीरे - धीरे वही पौधा ,बड़ा पेड़ बन जाय | 


भरा रहे पत्तों से ,फूल भी खूब खिलाय ,

फूल लग जाएँ जब बहुत ,पेड़ ही झुकता जाय | 


फैले खुश्बु चहुँ ओर ,मस्त सभी हो जाएँ ,

प्रेम भावना का खाता ,लबालब भर जाय | 


भरा रहे ये खाता ,प्रेम और प्यार से ,

खाली ना हो ये खाता ,खाद प्रेम की डाली जाय | 


No comments:

Post a Comment