Saturday, December 17, 2022

GAAGAR MEIN SAAGAR ( JIVAN )

 

             

    गागर  में सागर 


ना कुंडली का किया  मिलान ,

ना रक्त का बना संबंध ,

मगर चला ता उम्र ये रिश्ता ,

दोस्ती का भई दोस्ती का | 


ना दिन गिने दोस्ती में ,

ना महीने और ना ही साल ,

बीतता चला समय दोस्तों ,

अपने ही रास्ते और अपनी ही चाल | 


कोई भी समस्या अगर आई ,

याद हमें आई दोस्तों की ,

किसी  भी ख़ुशी ने प्रवेश किया जब ,

हुड़क उठी दिल से दोस्तों मिलन की | 


दोस्तों के प्रेम से तो ,

गागर भरी है अपनी ,

मगर ऐसा लगता है जैसे ,

सागर समाया  गागर में अपनी | 


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