Wednesday, December 21, 2022

PAATH PREM KAA ( PREM )

 

                           पाठ प्रेम का 


एक - एक बूँद प्रेम की ,संचित कर लो बंधु ,

गिनती ना उन बूँदों की ,तुम करना बंधु ,

असंख्य बूँदें जब हों संचित ,परमात्मा मुस्कुराएगा | 


दोगे प्रेम दूजों को तो ,पाओगे प्रेम तुम भी ,

अपनों का प्रेम तो ,बसा है मुस्कुराहटों में ,

उनकी मुस्कुराहटें बढ़ा दो तो ,परमात्मा मुस्कुराएगा | 


नाता जग में प्रेम का ,है सबसे प्यारा ,

जिसने यह नाता निभा लिया ,वह बना सबका दुलारा ,

उसी को तो देखकर बंधु ,परमात्मा मुस्कुराएगा | 


आज ही ये नाता जोड़ो ,ना सोचो समय बहुत है ,

ना जाने क्या और कब ,कुछ बदले ? 

जो समय निकल गया तो ,परमात्मा कैसे मुस्कुराएगा ? 


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