Tuesday, December 27, 2022

RAG - RAG MEIN ( JIVAN )

 

                            रग -रग में 


आज तो हम खो गए हैं दोस्तों ,

पता नहीं हम कहाँ हैं दोस्तों ? 


ढूँढो तो जरा हम हैं कहाँ ? 

क्या तुम्हारे दिल में बसे हैं हम ? 

क्या तुम्हारे विचारों में रचे हैं हम ? 


क्या कहा आपने दोस्तों ? 

तुम्हारे प्यार में बसे हैं हम ,

तुम्हारी मुस्कानों में बसे हैं हम ,

तुम्हारी दुआओं में बसे हैं हम | 


धन्यवाद दोस्तों ! हमारा पता बताने के लिए ,

बिना पते वाले हम ,

खोज में जुटे थे ईश्वर की ,

उसी का ठिकाना ढूँढ रहे थे ,

जब की वह तो हमारी रग - रग में रहता है | 


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