रग -रग में
आज तो हम खो गए हैं दोस्तों ,
पता नहीं हम कहाँ हैं दोस्तों ?
ढूँढो तो जरा हम हैं कहाँ ?
क्या तुम्हारे दिल में बसे हैं हम ?
क्या तुम्हारे विचारों में रचे हैं हम ?
क्या कहा आपने दोस्तों ?
तुम्हारे प्यार में बसे हैं हम ,
तुम्हारी मुस्कानों में बसे हैं हम ,
तुम्हारी दुआओं में बसे हैं हम |
धन्यवाद दोस्तों ! हमारा पता बताने के लिए ,
बिना पते वाले हम ,
खोज में जुटे थे ईश्वर की ,
उसी का ठिकाना ढूँढ रहे थे ,
जब की वह तो हमारी रग - रग में रहता है |
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