शिष्य गुरु के
कलम पकड़नी सिखाई गुरु ने ,
कलम से लिखना सिखाया गुरु ने ,
लिखे हुए को पढ़ना सिखाया गुरु ने ,
पढ़े हुए का अर्थ सिखाया गुरु ने |
एक इमारत को विद्यालय बनाया गुरु ने ,
कुम्हार जैसे मिट्टी के मटके बनाता ,
बच्चों को विद्यार्थी बनाया गुरु ने ,
प्रणाम का अर्थ भी सिखाया गुरु ने |
विद्यालय की फीस को ,
गुरु - दक्षिणा समझते थे सब ,
दक्षिणा का सही अर्थ बताया गुरु ने ,
जीवन को जिंदगी बनाया गुरु ने |
काश ! आज वो गुरु फिर मिल जाते ,
तो हम कितना कुछ सीख जाते ?
गीली मिट्टी के लोंदे से मटका बन जाते ,
गुरु के हम प्रिय शिष्य बन जाते |
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