Tuesday, December 20, 2022

SHISHY GURU KE ( KSHANIKA )

 

                 शिष्य  गुरु के 


कलम पकड़नी सिखाई गुरु ने ,

कलम से लिखना सिखाया गुरु ने ,

लिखे हुए को पढ़ना सिखाया गुरु ने ,

पढ़े हुए का अर्थ सिखाया गुरु ने | 


एक इमारत को विद्यालय बनाया गुरु ने ,

कुम्हार जैसे मिट्टी के मटके बनाता ,

बच्चों को विद्यार्थी बनाया गुरु ने ,

प्रणाम का अर्थ भी सिखाया गुरु ने | 


विद्यालय की फीस को ,

गुरु - दक्षिणा समझते थे सब ,

दक्षिणा का सही अर्थ बताया गुरु ने ,

जीवन को जिंदगी बनाया गुरु ने | 


काश ! आज वो गुरु फिर मिल जाते ,

तो हम कितना कुछ सीख जाते ? 

गीली मिट्टी के लोंदे से मटका बन जाते ,

गुरु के हम प्रिय शिष्य बन जाते | 


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