Tuesday, December 20, 2022

SANSKAAR ( KSHANIKA )

 

                  संस्कार 


बचपन के खेलों में ,लिया आनंद ,

बचपन के खेलों में ,जिया आनंद ,

बचपन के खेल अब ,हुए ख़त्म ,

शुरु हुआ अब ,किस्मत का खेल |

 

बचपन में मिले ,जो संस्कार ,

उनकी तो है , सबको दरकार ,

ईमानदारी ,सत्यवचन ,

भाईचारा और प्रेम -प्यार | 


कभी ना मिटने देना इनको ,

कभी ना अपनाना अहंकार ,

नहीं तो टूटेगा अपनापन ,

और छूट जाएँगे ,सभी संस्कार | 


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