Tuesday, December 27, 2022

PRASAAD ( AADHYATMIK )

 

                                प्रसाद 


घटती रहती हैं घटनाएँ ,कुछ ख़ुशी देने वाली ,

और कुछ दुःखद ,करो तुम इतना ,

कि बदल दो ,दुःखद घटनाओं को | 


बदल सकने वाली तो ,बदल जाएँगी ,

मगर कुछ घटनाएँ ,नहीं बदलेंगी ,

दुःख ना मनाओ ,तुमने कोशिश तो की | 


ख़ुशी देने वाली घटनाएँ ,तो स्वीकार हैं तुम्हें ,

खुश हैं ना आप ,तो खुश रहो ,

जिंदगी खुशियों में डूब जाएगी | 


सब कुछ तो ,ऊपर वाले के हाथ में है ,

वही सारा ,घटना - चक्र चलाता है ,

तुम नहीं कर सकते  कुछ भी ,

कोशिशें तो ,तुमने कर ही लीं ना ? 

बस तो जो मिला ,वह प्रसाद है ,

वह प्रसाद है ,उसे माथे लगाओ | 

 

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