Wednesday, January 4, 2023

BINAA DAAMINI ( JALAD AA )

 

                   बिना दामिनी 


दामिनी ने दी, रंगीन किनारी बदरा को ,

दामिनी ना होती तो , बदरा कैसा होता ? 

कोई  ना किनारा ,फैला चहुँ ओर ,

कोई ना आकार ,कैसे बने चित्र साकार ? 


दामिनी ना होती तो ,बदरा कैसा होता ? 

काला -काला ,कहीं हल्का ,कहीं गहरा ,

चमकीले रंग का ,किनारा दिया दामिनी ने ,

सुंदरता का नया मापदंड ,दिया दामिनी ने | 


शांत सा बदरा ,जल - वाष्प से बना बदरा ,

पवन संग ,आकाश में उड़ता रहता ,

कुछ ना बोलता ,कुछ ना गुनगुनाता ,

शाँति से उड़ता ,मानो बहता रहता | 


दामिनी ने दिया ,कड़क भरा शोर उसको ,

जो धरा के ,लोगों को भी डरा दे ,

बिना दामिनी ,बदरा क्या और कैसा होता ? 

जरा सोचो तो ,जरा सोचो तो | 


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