Sunday, January 29, 2023

VAHEE JAANE ? ( JIVAN )

                        वही जाने ?


घूम रहा है ,समय का पहिया ,

गया पुराना ,नया है आया ,

सबको ही तो ,इसने दोस्तों ,

अपना हरेक ही ,रूप दिखाया | 


जैसे पतझड़ में ,झड़ते जाते हैं पुराने पत्ते ,

ले लेते हैं उनकी जगह ,नए और कोमल पत्ते | 

 

उसी तरह इस जीवन में ,संघर्ष  भरे दिन आते हैं ,

और उन्हीं के बाद दोस्तों ,अच्छे दिन भी आ जाते हैं | 


मत सोचो कब ,क्या हुआ ? 

मत सोचो कब और क्या होगा ?

ईश्वर की जो मर्जी होगी ,वही सब तो हर पल होगा ,

हम नहीं जानते ,

हमारे लिए क्या ,कुछ अच्छा होगा ? 

ईश्वर ही तो जाने दोस्तों ,हमारे लिए क्या अच्छा होगा ? 


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