Sunday, January 1, 2023

BINA CHAANDANI ( CHANDRAMA )

 

 

                    बिना चाँदनी  (  चंद्रमा ) 


चाँद तू चमकता है गगन में ,चाँदनी भेजे धरा पर ,

चाँदनी में नहाकर ,धरा जगमग होती है ,

रात के अंधकार में भी ,धरा चमकती जाती है | 


चाँदनी है दोस्त तेरी ,तू तो है मेरा सखा ,

चाँदनी भी बन गई है सखि मेरी ,

हम तीनों ही हैं ,दोस्त एक दूजे के | 


चंदा तेरा वज़ूद है चमकता ,चाँदनी से ,

चंदा तेरा जीवन है पलता ,चाँदनी से ,

चंदा तेरी मुस्कान खिलती , चाँदनी से | 


जो चाँदनी ना हो ,तो कैसा वज़ूद तेरा ? 

जो चाँदनी ना हो ,तो कैसा जीवन तेरा ? 

जो चाँदनी ना हो ,तो मुस्काना  कैसा ? 


हम सोच भी नहीं सकते चंदा ,

चाँदनी के बिना चंदा , चाँदनी के बिना चंदा | 

असंभव ,असंभव , असंभव | 


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