Sunday, January 15, 2023

MUSKURA DO ( KSHANIKA )

 

                        मुस्कुरा दो 


हवा जब धीमी चली ,तो बयार कहलाई ,

जब वही तेज चली ,तो आँधी कहलाई ,

कुछ और तेज होने पर ,तो वही तूफ़ान कहलाई | 


इसी तरह हमारे अंदर ,मन की उलझनें ,

जब बढ़ीं तो ,तनाव कहलाईं ,

तनाव जब बढ़ा तो ,क्रोध में बदल गया ,

वही क्रोध जब फूटा ,तो ज्वालामुखी बन गया | 

 

क्रोध और तूफ़ान ,दोनों  ने  क्या किया ? 

बाद में  चला पता,तूफ़ान ने ,

शहर के शहर ,गाँव के गाँव उजाड़ दिए ,

क्रोध ने  , रिश्तों को रौंद डाला ,

प्रेम और प्यार की ,हत्या कर डाली | 


बचो इस क्रोध से दोस्तों ,

मत पालो तनावों को दोस्तों ,

सुलझा लो ,सभी उलझनों को दोस्तों ,

मुस्कुरा दो दोस्तों , मुस्कुरा दो दोस्तों || 


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