Monday, January 9, 2023

UDAANEN ( KSHANIKA )

 

                       उड़ानें 


संघर्षों से ही उड़ानें भरी जाती हैं ,

कुछ -कुछ ऊँचाइयाँ पार की जाती हैं ,

उन्हीं को देखकर तो आसमान भी ,

कुछ नीचे को उतर आता है ,

हँस के कहता है ,"आओ मुझे छू लो "|

 

वही आसमान तो सच्चा दोस्त है बंधु ,

जो हमारे संघर्ष को देख ,साथ देता है ,

यही रिश्ता तो हमारे दिल में ,

हमारी रूह में उतर जाता है ,

तभी तो हम भी उसे कहते हैं ,

" आ जाओ ,आकर हमारी बाँहों में झूलो | "

 

बड़ी किस्मत से ऐसे दोस्त मिलते हैं ,

जो दोस्ती निभाने के लिए ,

अपने आसन से उतर आते हैं ,

थाम कर हाथ अपने दोस्तों का ,

अपने आसन तक उन्हें ले जाते हैं | 

 

 

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