Monday, January 16, 2023

MITTEE SE ( JIVAN )

 

                       मिट्टी से 


मिट्टी का एक मटका ,और मिट्टी की एक सुराही ,

ख़ुशी - ख़ुशी थे बातें करते ,हँसते और मुस्काते | 


मानव ने देखा तो बोला ,क्या बात है बंधु ? 

क्यों इतने खुश हो दोनों ? 

गर्म -गर्म से मौसम में भी ,खुश होते हो दोनों ? 


कैसा भी मौसम हो भाई ? हम दोनों तो खुश रहते ,

हम तो बने हैं मिट्टी से ,हम तो ठंडे रहते ,

दूजों को भी हम तो भाई ,ठंडक ही ठंडक देते | 


भूत ,भविष्य और वर्तमान ,सभी तो जुड़ा है मिट्टी से ,

तभी तो हम खुश होकर ,सबको खुश कर देते | 


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