Tuesday, January 10, 2023

DORR PYAAR KII ( PREM )

 

                       डोर प्यार की 


बन गया कोई अपना ,अपने प्यारे व्यवहार से ,

अपने मीठे बोलों से ,बोलों के इज़हार से ||


नहीं खून का रिश्ता था ,ना सगा - संबंधी था ,

मगर दिल में प्यार था ,प्यार के इकरार से || 


उसी रिश्ते को दिल से ,दिल के प्यार से संभाला हमने ,

ढीला नहीं पड़ने दिया हमने ,प्यार की उस डोर को || 


आओ दोस्तों ,बाँध लें हम -तुम ,दिलों को जोड़ लें हम ,

प्यार की कच्ची सी नाजुक ,मगर पक्की डोर से || 


जीवन ऐसा ही है दोस्तों ,रिश्ता बनाना मुश्किल नहीं है ,

मगर उसे संभालने में ,वक्त लगता है ज्यादा ,

उस वक्त को बाँधा हमने ,प्यार की डोर से ,

भई ,प्यार की नाज़ुक डोर से || 


No comments:

Post a Comment