जियो जिंदगी
मालिक ने दुनिया में ,भेजते समय कहा -- " जिंदगी जीना ,
मुस्कुराहट का तोहफा दिया है तुम्हें ,खूब मुस्कुराना |"
मगर हमने क्या किया ? दूसरों के सुख को गिनने लगे ,
उसमें मशगूल हुए इतने ,अपने सुखों को भूल गए |
अपनी कमियों को अपना दुःख समझा ,जो सबसे बड़ा लगा ,
और दूसरों का सुख हमें ,अपने सुख से बड़ा लगा |
मुस्कान की जगह उदासी ने ली ,प्यार हुआ नफरत से छोटा ,
मालिक ने जो जिंदगी दी ,ऐसे में किया उसको छोटा |
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