भोला है वह
मेरा समंदर कहाँ गया ओ -सखि ?
तेरे शहर जा पहुँचा है क्या ?
बहुत ही शांत है ,अकेला है वह ,
ढूँढना जरा उसे ,बहुत ही भोला है वह ||
रत्नों का भंडार है ,उसमें छिपा ,
लूट ना ले ,कोई भोला जान के ,
कैसे बचाएगा वह अपनी दौलत ?
ढूँढना जरा उसे ,बहुत ही भोला है वह ||
साथ में साथी नहीं , उसके कोई ,
साथ में रक्षक नहीं ,उसके कोई ,
कैसे बच पाएगा वो ,जिंदगी के तूफ़ान में ?
ढूँढना जरा उसे ,बहुत ही भोला है वह ||
आती नहीं हैं उसको ,तो चालाकियाँ ,
कर नहीं सकता है ,वो अपनी मनमर्जियाँ ,
कैसे बुला पाएगा वो ,अपना कोई रहनुमा ?
ढूँढना जरा उसे , बहुत ही भोला है वह ||