Wednesday, August 26, 2020

BUDHAPA ( SHO STO )

   बुढ़ापा 


जन्म लिया जिसने दुनिया में ,पहला कदम बढ़ाया जी ,

मात -पिता खुश होकर देखें ,उनमें अपना बचपन जी,

करी पढ़ाई बड़ा हुआ जब ,दोस्त बने हैं उसके जी ,

युवा हुआ तो करी नौकरी ,हुई है उसकी शादी जी |


बच्चे हुए जब उसके मित्रों ,उनमें देखा बचपन जी ,

सब कुछ वार दिया उन पर ,भूले मात -पिता को जी ,

मात -पिता ने उन पर वारा ,आज उनके बच्चों पर जी ,

दिया आराम बच्चों को पहले ,आज उनके बच्चों को जी |


बुजुर्ग हो गए मात -पिता अब ,नहीं शरीर चलता है जी ,

उम्र बिताई कसरत करते ,अब शरीर थकता है जी ,

नहीं बोल हैं मात-पिता के ,हुए हैं वो अकेले जी ,

बच्चे मस्त हैं अपने में ,कैसे मात -पिता हैं जी ?


कल बच्चे जब आएंगे ,मात -पिता की उम्र में जी ,

तभी अनुभव होगा उनको ,उनकी उम्र का जी ,

तभी समझ में आएगा ,बुजुर्गियत का जीवन जी ,

पर तब बहुत देर होगी ,बीत जाएगा जीवन जी |

 

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