बुढ़ापा
जन्म लिया जिसने दुनिया में ,पहला कदम बढ़ाया जी ,
मात -पिता खुश होकर देखें ,उनमें अपना बचपन जी,
करी पढ़ाई बड़ा हुआ जब ,दोस्त बने हैं उसके जी ,
युवा हुआ तो करी नौकरी ,हुई है उसकी शादी जी |
बच्चे हुए जब उसके मित्रों ,उनमें देखा बचपन जी ,
सब कुछ वार दिया उन पर ,भूले मात -पिता को जी ,
मात -पिता ने उन पर वारा ,आज उनके बच्चों पर जी ,
दिया आराम बच्चों को पहले ,आज उनके बच्चों को जी |
बुजुर्ग हो गए मात -पिता अब ,नहीं शरीर चलता है जी ,
उम्र बिताई कसरत करते ,अब शरीर थकता है जी ,
नहीं बोल हैं मात-पिता के ,हुए हैं वो अकेले जी ,
बच्चे मस्त हैं अपने में ,कैसे मात -पिता हैं जी ?
कल बच्चे जब आएंगे ,मात -पिता की उम्र में जी ,
तभी अनुभव होगा उनको ,उनकी उम्र का जी ,
तभी समझ में आएगा ,बुजुर्गियत का जीवन जी ,
पर तब बहुत देर होगी ,बीत जाएगा जीवन जी |
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