हम दोनों दो प्रेमी
प्रेम का सागर बहता जाए ,डुबकी इसमें लगाओ ,
साथ -साथ में बह चलो ,प्यार ही प्यार फैलाओ ,
हम तो साथी प्रेम के ,साथ ही चलते जाएं ,
एक -दूजे का प्यार ही ,हमको पार लगाए |
प्यार के हम दो पंछी ,साथ -साथ उड़ जाएं ,
आसमान में नील रंग ,देख -देख मुस्काएं ,
प्रेम का सागर हमारी ,परछाइयों से भर जाए ,
उसकी चंचला लहरें भी ,प्रेम में डूबीं जाएं |
नदिया है ये प्रेम की ,कल -कल बहती जाए ,
हम दोनों प्रेमीजन ,साथ में बहते जाएं ,
मछली जैसे हम फिरें ,पानी संग अकुलाए ,
इस नदिया के साथ ही ,सागर में मिल जाएं |
राही हैं हम प्यार के ,इस दुनिया से दूर ,
अपनी दुनिया प्रेम की ,नफरतों से दूर ,
आना चाहे जो यहाँ ,हाथ दे बढ़ाय ,
पर दिल से रहे यहाँ ,वापस कभी ना जाए |
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