मेरा खड़ूस बॉस
दुनिया में कितने कार्यालय ,सभी में बॉस होते हैं ,
कितना भी मधुर व्यवहार करें ,वो खड़ूस कहलाते हैं ,
कर्मचारी जो काम करे ,वो बॉस को अच्छा लगता है ,
जो हो कामचोर वह तो ,खड़ूस उनको कहता है |
समय पे ना आने वाले ,लाखों ही बहाने जानते हैं ,
बहाने उनके ऐसे हैं ,बॉस भी चुप हो जाते हैं ,
समय पे आने वाले ही ,उनके उलाहने सुनते हैं ,
क्योंकि बॉस के सामने ,वही उपस्थित होते हैं |
मस्का लगाने वाले भी ,मस्का तो खूब लगाते हैं ,
पर जब मस्का ना काम करे ,खड़ूस उन्हीं को कहते हैं ,
अब बॉस बेचारा क्या करे ,काम उसे करवाना है ,
जिससे भी वह काम कराए ,वही खड़ूस समझता है |
खैर मित्रों ये दुनिया है ,इसमें हैं अनगिनत कार्यालय ,
अनगिनत बास हैं ,अनगिनत कर्मचारी हैं ,
ये सिलसिला जारी है ,हमेशा चलता रहेगा ,
कर्मचारी बॉस को ,खड़ूस ही कहता रहेगा ,
मगर ना हर बॉस खड़ूस है ,
और ना हर कर्मचारी कामचोर |
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