Tuesday, August 25, 2020

vaimpair ( sho sto )

        वैम्पायर 


वैम्पायर है कौन ?शायद भटकती आत्मा ?

मृत्यु के बाद ,आत्मा पुनर्जन्म ना ले ,

यूँ ही भटकती रहे ,अंतरिक्ष में ,

दिखाई यदि दे जाए मानव को ,

एक साया सा ,उसे ही मानव ,

वैम्पायर कह देता है |


मानव की जिंदगी में ,उस समय ,

अगर कुछ बुरा होता है ,

उसे वह उस साये के साथ ,

जोड़ देता है ,उसे बुरा वैम्पायर कहता है ,

अगर कुछ अच्छा होता है ,

तो अपनी किस्मत कहता है |


आत्मा ,परमात्मा ,दोनों ही दिखाई नहीं देते ,

परमात्मा ही जाने ,क्या सच है ?

निद्रामग्न होकर ,हम सपने देखते हैं ,

सपनों में घूमते हैं ,नई दुनिया देखते हैं ,

ऐसे ही शायद हम ,आत्मा को देखते हैं |


कोई नहीं जानता ,क्या सच है ,क्या है सपना ?

हर सपना तो मुझको ,लगता है सिर्फ अपना ,

सपनों की दुनिया तो ,खुशनुमा है मित्रों ,

तुम भी हो जिसमें शामिल ,

खुशियाँ भी जिसमें शामिल |


मानो अगर वैम्पायर ,उसे भी मित्र बनालो ,

चंदा ,सूरज जैसे ,गपशप भी तुम लड़ालो ,

गर वो भटक रहा है ,इस सारी कायनात में ,

उसे भी तो मित्रों ,कोई तो मित्र चाहिए |

 

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