Tuesday, August 25, 2020

WAH BADLA LENE LAUTI HAI (SHO STO )

       वह बदला लेने लौटी है 


पुनर्जन्म होता है बंधु ,ये विश्वास हमें है ,

मगर इस जन्म से पहले ,का कुछ भी याद नहीं है ,

हम क्या  थे ,कहाँ थे हम ? हम कुछ नहीं जानते ,

इस जन्म के रिश्तों के सिवा ,किसी को नहीं पहचानते | 


इस जन्म के शुरुआती ,लगभग चार वर्षों का ,

नहीं याद है कुछ भी बंधु ,कैसे सीखा बोलना ,चलना ? 

रुकीं हैं अपनी यादें बंधु ,इसी जन्म के रिश्तों पे ,

कुछ अपने कर्मों पे ,और कुछ उनके कर्मों पे | 

कोई

प्रकृति देती है बदला ,हमको हमारे कर्मों का ,

जो हम भोग लेते हैं बंधु ,इसी जन्म में ,इसी जन्म का ,

अच्छा बुरा हम जो भी करते ,उसका स्वाद हम चखते ,

यहीं पे मिल जाता है बंधु ,परिणाम अपनी करनी का | 


पिछले जन्म का याद ना कुछ भी ,फिर कैसे ,क्या होगा ? 

कैसे कोई वर्तमान में ,बदला लेने लौटेगा ? 

सिर्फ सोच में बसी कहानी ,याद हैं किसी को बातें पुरानी ,

ये सब दिमाग का खलल है बंधु ,पिछली यादें लेकर ,

कोई नहीं लौटेगा बंधु , कोई नहीं लौटेगा |

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