वह बदला लेने लौटी है
पुनर्जन्म होता है बंधु ,ये विश्वास हमें है ,
मगर इस जन्म से पहले ,का कुछ भी याद नहीं है ,
हम क्या थे ,कहाँ थे हम ? हम कुछ नहीं जानते ,
इस जन्म के रिश्तों के सिवा ,किसी को नहीं पहचानते |
इस जन्म के शुरुआती ,लगभग चार वर्षों का ,
नहीं याद है कुछ भी बंधु ,कैसे सीखा बोलना ,चलना ?
रुकीं हैं अपनी यादें बंधु ,इसी जन्म के रिश्तों पे ,
कुछ अपने कर्मों पे ,और कुछ उनके कर्मों पे |
कोई
प्रकृति देती है बदला ,हमको हमारे कर्मों का ,
जो हम भोग लेते हैं बंधु ,इसी जन्म में ,इसी जन्म का ,
अच्छा बुरा हम जो भी करते ,उसका स्वाद हम चखते ,
यहीं पे मिल जाता है बंधु ,परिणाम अपनी करनी का |
पिछले जन्म का याद ना कुछ भी ,फिर कैसे ,क्या होगा ?
कैसे कोई वर्तमान में ,बदला लेने लौटेगा ?
सिर्फ सोच में बसी कहानी ,याद हैं किसी को बातें पुरानी ,
ये सब दिमाग का खलल है बंधु ,पिछली यादें लेकर ,
कोई नहीं लौटेगा बंधु , कोई नहीं लौटेगा |
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