सफर ---- भगवान ,इंसान ,शैतान का
एक भगवान ,एक इंसान ,एक शैतान ,
किसने ये सब बना दिया ?
एक भगवान -- रची जिसने ये दुनिया सारी ,
एक शैतान -- जो तोड़े ये दुनिया सारी |
भगवान के सफर में ,बनता है सभी कुछ ,
शैतान के सफर में ,मिटता है सभी कुछ ,
इंसान ना है भगवान ,ना है शैतान ,
इंसान के सफर में ,टिकता है सभी कुछ |
भगवान ने एक ओर ,तो इंसान बनाया ,
उसके अंदर मानवता का ,भाव जगाया ,
भगवान ने ही दूजी ओर ,शैतान बनाया ,
और उसको ही ,विनाश का कर्म सिखाया |
दोनों ही तो रचना हैं ,उस भगवान की ,
फिर हम क्यों बुराई करें ,उस शैतान की ,
हम तो सिर्फ इंसान हैं ,इंसान बनें रहें ,
भगवान की उस रचना को ,कुछ ना हम कहें ,
सिर्फ अपने कर्मों को ,अच्छाई से करें |
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