Saturday, July 31, 2021

JAP LO , JAP LO ( AADHYATMIK )

 

          जप लो ,जप लो 

 

जप लो ,जप लो ,जप लो,

ॐ नम: शिवाय ,

तो कोई दुःख कभी ना आए | 

 

ॐ नम: शिवाय ,

सभी जन सुखी हो जाएँ | 

 

ॐ नम: शिवाय ,

खुशियों का डेरा बन जाए | 

 

ॐ नम: शिवाय ,

सभी की आँखें चमकाएँ | 

 

ॐ नम: शिवाय ,

हर दिशा गंगधार छलकाए | 

 

ॐ नम: शिवाय ,

सभी के होंठ खूब मुस्काएँ | 

 

ॐ नम: शिवाय ,

सभी जन जीवन भर मुस्काएँ | 

 

KINAARE MILE ( SMALL POEM )

 

             किनारे मिले 


नदिया के किनारे ,समंदर के किनारे ,

मिलते नहीं कभी ,

पानी की लहरें ही,

दोनों  का संदेसा पहुँचातीं| 


एक किनारे कोई रुका ,

दूजे किनारे कोई रुका ,

मेरे बाबूजी पहुँचे उस किनारे ,

आज के दिन बीस बरस पहले ,

रुके इंतजार में माँ की | 


माँ मेरी बीते कल के दिन ,

पहुँची सात बरस पहले ,

मिले दोनों तेरह बरस बाद | 


मिलाया दोनों को हवा की धारा ने ,

मिलाया दोनों किनारों को ,

मिलाया उस परमात्मा ने |

Monday, July 26, 2021

HARSHAAI GANGA ( GEET )

 

            हर्षाई  गंगा 

 

हिमगिरि के शिखरों से उतर -उतर ,

भारत में आई माँ गंगा ,

अपने चारों ओर फैलाई हरियाली ,

भारत में आई माँ गंगा | 

 

धरा भारत की तृप्त हुई ,

धरती माँ की मुस्कान बढ़ी ,

भारत माता ने दिया आशीष ,

भारत में मुस्काई माँ गंगा | 

 

भारत की पहचान बनी ,

जीवन की मुस्कान बनी ,

खेतों की वह जान बनी ,

भारत में लहराई  गंगा |

 

भारत ने शीश उसे नवाया ,

धरा ने दिल से उसे लगाया ,

उसने भी सोता भाग्य जगाया ,

भारत में हर्षाई माँ गंगा | 

 

 

 

Saturday, July 24, 2021

CHAMAKA GAI ( GEET )

 

                   चमका गई 

 

आज कोई प्यार से ,दिल की बातें कह गया | 

 

जब चली ठंडी पवन तो ,बदलियाँ भी छा गईं ,

नन्हीं -नन्हीं बूँदों से ,रिमझिम फुहारें आ गईं ,

ऐसे सुहाने मौसम में ,जादू सा जैसे हो गया ,

                          आज कोई प्यार से ----- | 

 

मुस्कुराहट होठों की ,सपनों को महका गई ,

चमक उनकी आँखों की ,नयना मेरे चमका गई ,

उस चमक से चाँदनी का भी ,रंग फीका हो गया ,

                         आज कोई प्यार से ----- | 

 

SHRADDHA SUMAN (BHAG - 7 )

 

 

          श्रद्धा सुमन   (  भाग - 7 ) 

 

पृथ्वी लोक में माटी होती ,

    माटी से ही बनता है सुंदर प्याला ,

उस प्याले में भर जाती है ,

    मदिर ,मधुर ,मादक हाला ,

पृथ्वी लोक में ही तो होतीं ,

     सुंदर - सुंदर साकी बाला ,

पृथ्वी लोक में ही तो मिलती ,

    प्यारी सी ये मधुशाला | 

 

इंद्रधनुषी रंगों से रंग कर ,

   ले आए हम अपना प्याला ,

उस रंगीन प्याले में हम ,

     भर देते हैं ऊपर तक मादक हाला ,

प्याला लेकर चलती आतीं ,

    सामने से साकी बाला ,

तभी तो अपनी पूरी होगी ,

    नशे में डूबी मधुशाला | 

 

TIMTIM TAARE ( JIVAN )

   

               टिमटिम तारे 


प्रेम हुआ जब हमको ,राहें लंबी हो गईं ,

ऊँचाइयाँ गगन की ,पहुँच से ऊँची हो गईं | 


छूना गगन को ,असंभव सा हो गया ,

ये लगा अपनी तो ,लंबाई ही कम हो गई ,

सोचा कि सीढ़ी ,लगाकर चढ़ जाएँ ,

मगर अपनी तो ,सीढ़ी ही गायब हो गई | 


फूलों की खुश्बुएँ ,फैलीं चमन में ,

चहुँ ओर खुश्बुएँ ,उड़ गईं ,

खुश्बुओं के ,साथ - साथ ही ,

तितलियाँ भी ,उड़ गईं | 


गगना के तारे ,जैसे नयनों में समाएँ  ,

रात की नींद में ,सपने दिखाएँ ,

सपनों में तो ,अनगिनत तारे ,

टिम -टिम करते ,हुए टिमटिमाएँ  | 

 

सपनों में ही ,तारे साथी बन ,

दूर - दूर की ,सैर कराएँ ,

जहाँ कहीं हम ,कभी नहीं गए ,

उन जगहों की भी ,हमें सैर कराएँ | 

 


Thursday, July 22, 2021

AAJAA RE ( CHANDRAMA )

 

     चंद्रमा   (आजा  रे  ) भाग - 13 


उतर आ चंद्र धरती पर ,

   मेरे अँगना में आजा रे ,

अपनी चाँदनी को संग में ले के ,

    मेरे अँगना में आजा रे | 


मेरे बच्चे तुझे देखें गगन में ,

जिया उनका ललचता है ,

बुलाओ चंद्र को घर में ,

जिया उनका तरसता है ,

उनको खेल खिलवाने ,

    मेरे अँगना में आजा रे | 


वो मामा तुझको हैं कहते ,

तुझे हँस कर दिखाते हैं ,

तेरे चमकीले चेहरे पर ,

वो प्यार अपना लुटाते हैं ,

उनके प्यार को अपनाने ,

    मेरे अँगना में आजा रे | 


बच्चों के संग खेलोगे ,

तुम्हें अच्छा लगेगा रे ,

उनसे मिलोगे जब तुम तो ,

तुम्हें अद्भुत लगेगा रे ,

उनसे मिलने -मिलाने को ,

    मेरे अँगना में आजा रे | 


Wednesday, July 21, 2021

BHEEGA MANN ( JIVAN )

   

                भीगा मन 


किसने देखा मेरा दिल ?

    किसने समझी मेरी धड़कन ? 

        तूने तो आँसू बहा लिए ,

             जीने के साधन बना लिए | 


घुटता पल -पल मेरा जीवन ,

    आँखों में नमी नहीं थी पर ,

        दिल में एक बाढ़ सी आई ,

           आती है एक पल मौत सभी को ,

              मुझे क्यों हर पल आई ? 


डूबी जाती है धड़कन ,

   था रंग हवा में फैला सा ,

       खुशियों का जाल बिछा था ,

           मगर पास था मेरे केवल ,

              तेरे अहसास का भीगापन | 


जी पाई ना एक पल भी ,

    आई मौत हर एक पल में ,

        तू आ जाता तो साथ तेरे ,

             आ जाता भीगा सा सावन | 


 

Sunday, July 18, 2021

TARSAANE ( GEET )

 

          तरसाने  

 

मत गा फागुन गीत सुहाने ,

तू क्या जाने बेदर्दी ? 

प्रीतम हैं मुझसे अनजाने | 

 

तुझमें डूबी दुनिया सारी ,

पर भीगी ना मेरी साड़ी ,

रंग लगाया ना मुझको ,

थोड़ा भी मेरे सजना ने 

 

 तुझको देखा था बरसों से ,

तुझमें डूबी थी बरसों से ,

जालिम फिर अबकी बार ही ,

आया क्यों मुझको तरसाने ? 

 

ऐसे जब आगे आएगा ,

फिर और मुझे तड़पाएगा ,

कसम है फागुन तुझको मेरी ,

आना ना मुझको तड़पाने | 

 

Saturday, July 17, 2021

KHULI KHIDKIYAN ( JIVAN )

 

       खुली खिड़कियाँ 

 

चलो साजना कहीं दूर , दूर कहीं ,

दूर बहुत ही , दूर कहीं ,

जहाँ बंद घर ना हों ,

बंद खिड़कियाँ ना हों | 

 

ऐसे शहर में जहाँ ,

घर हों खिड़कियों वाले ,

छोटी - बड़ी खिड़कियाँ वहाँ ,

जिनसे शहर का नजारा दिखाई दे ,

खुला आसमान ,खुली राहें ,

सभी कुछ उनसे दिखाई दे | 

 

खुलें खिड़कियाँ तो ,

धूप छन से आ चमके ,

उनसे हवा के झोंके ,

हक से आ धमकें ,

कलैंडर भी कमरे की दीवार ,

छोड़ फर्श पे लटकें | 


डाकिया दोस्तों के खत ,

खिड़कियों से पहुँचा जाए ,

हम भी खत देख के ,

धीमे से मुस्का जाएँ ,

उन खतों को पाकर तो ,

धीमी सी रोशनी मन में उतर जाए | 



Friday, July 16, 2021

ALBELE NEED ( JIVAN )

 

 

             अलबेले  नीड़ 

 

उड़ चले हैं पंछी नील गगन में ,

प्यार के गीत गुनगुनाते हुए ,

गगन ने उनको भरा अपनी बाँहों में ,

प्यार से मुस्कुराते हुए | 

 

अपना नीड़ बसाएँगे वो पंछी ,

किसी प्यारी सी अनजानी जगह में ,

जहाँ हों नवांकुरों की खुश्बुएँ ,

गीत सुनाई दें नदियों की कल -कल में | 

 

आज के नवांकुर देंगे कल ,

फूलों की सुंदर बगिया ,

तभी तो पंछियों का कलरव भी ,

मिलाएँगे सुर ,गुनगुनाएगी नदिया | 

 

गगन और धरा दोनों ही ,

देखेंगे उस नीड़ को ,

खुश हो जाएँगे पंछियों के ,

देख कर उस अलबेले नीड़ को | 

 

हम भी ढूँढें एक ऐसी ,अनजानी जगह ,

जो डूबी हो फूलों की ख़ुश्बुओं में ,

जो किनारे हो किसी कल -कल करती नदिया के ,

जो भर दे गुनगुनाहट हमारे दिलों में | 

 

Wednesday, July 14, 2021

SANJIVANI BOOTI ( JIVAN )

 

        संजीवनी बूटी 

 

माँ का प्यार ,संजीवनी बूटी ,

माँ का दुलार ,संजीवनी बूटी ,

माँ का आशीर्वाद ,संजीवनी बूटी ,

माँ की दुआएँ ,संजीवनी बूटी | 

 

पाओगे ये सभी तुम ,माँ के ही प्यार में ,

पाओगे ये सभी तुम ,माँ के दुलार में | 

 

प्यारे बने रहो तुम ,दुलारे बने रहो तुम ,

माँ की आँखों के ,तारे बने रहो तुम | 

 

समेट लो इन सभी को ,संभाल लो इन सभी को ,

माँ के जाने के बाद ,ना मिलेगी ये ,

                    संजीवनी बूटी ,संजीवनी बूटी | 

 

MUKTAK - 5

 

            मुक्तक -5 

 

1 )

दिल में एक दर्द उभर आया है ,

तेरी यादों ने जो तड़पाया है ,

गर्म साँसों का ये तूफ़ान उमड़ आया है ,

तेरी यादों ने जो तड़पाया है |

 

2 )

जिंदगी एक दर्द बन के रह गई ,

हर ख़ुशी ग़म में ढल के रह गई ,

तू गैर का हुआ है परदेस में जाकर ,

कोई आवाज कानों में ये कह गई | 

 

3 )

भूले तेरे प्यार में सारा जहां ,

मिला ना पर कामयाबी का निशां ,

तन्हा थी ,आज भी तन्हा हूँ ,

ना जाने ख़त्म होंगी ,ये तन्हाईयाँ कहाँ ? 

                      

Tuesday, July 13, 2021

BEETE DIN ( PREM GEET )

 

              बीते दिन 

 

याद करती हूँ तुमको मैं प्रियतम ,

भूलो ना साजन मुझे तुम ,

प्यार चाहा था मैंने तुमसे ,

न दो ,मगर यूँ ना रूठो तुम | 

 

वो वादे ,वो कसमें वफ़ा की ,

जो खाईं  थीं तुमने कभी साजना ,

क्या भूल गए सब साजना ? 

किया था कोई वादा कभी  साजना | 


बीते दिन जब याद आते हैं ,

 मुस्कानों में भी आँसू निकल आते हैं ,

ऐसे वक्त में हम दिलबर ,

दिल को दर्दों में डूबा पाते हैं | 


एक जो याद दे गए हो तुम ,

वही है जीने का सहारा भी ,

ना आओगे तुम अगर प्रियतम ,

हम उसी के साथ वक्त काटेंगे | 


वो सहारा है साथ दुनिया में ,

पर मेरे पास तुम नहीं हो अब ,

काश एक बार तो मेरे जीवन ,

लौट आओ ,लौट आओ ,लौट आओ |

Monday, July 12, 2021

YE SAATHI ( PREM GEET )

 

  

    ये साथी

 

हर राह फूलों से सजी मिले ,

हर सेज पे कलियाँ बिछीं मिलें ,

मेरे हमदम यूँ ही तुमको ,

जीवन में खुशियाँ ही मिलें | 

 

आए यूँ ही हर साल नया ,

लेकर खुशियों की बारातें ,

मुस्कानों भरे दिन हों साथी ,

कहकहों से गूँज जाएँ रातें | 

 

खुशियों में डूब जाना तुम ,पर ,

इस कदर ना उनमें खो जाना ,

अपनी इस साथी को भी तब ,

अनजाने ही ना भूल जाना | 

 

TUJHKO - MUJHKO ( PREM GEET )

 

            तुझको - मुझको 

 

मुबारक हो मेरे जीवन ,

   ये आलम प्यार का तुझको ,

      मैं देती हूँ तुझे दुआएँ ,

         कि मिले हर ख़ुशी तुझको | 

 

सहूँ हर दर्द को मैं ,

    रहे तू दर्दों से दूर ,

       मेरी जिंदगी मिट जाए अगर ,

          मिले नई जिंदगी तुझको | 

 

ये याद रखना साजन ,

   ये लक्ष्मी है सदा तुम्हारी ,

       मैंने दिल से है तुमको चाहा ,

          नहीं कोई और चाह है मुझको | 

 

तुम प्यार ना दो मुझे गर ,

   नफरत ही दे दो मुझको ,

       पर ख्वाब में भी प्रियतम ,

           ना कहना बेवफा तुम मुझको | 

 

जाऊँगी दूर इतनी कि ,

  आऊँगी नहीं वापस कभी ,

     बस इतनी इल्तजा है मेरी ,

         ना कहना बेवफा तुम मुझको | 

 

 कल मैं नहीं रहूँगी गर ,

   तुम घर नया बसाना ,

      और फिर ना याद करना ,

          बीता हुआ जमाना | 

 

जिस साथी को तुम पाओ ,

   तुम उसमें डूब जाना ,

      और इसके साथ ही तुम ,

          इस सफर को भूल जाना | 

 

इस सफर से क्या मिला तुम्हें ?

   सारे अरमां खो गए ,

       ये  सोच  लेना तुम प्रीतम ,

           कुछ साल को तुम सो गए | 

 

खुशियों से भरा हर पल ,

   तू जिंदगी में पाए ,

      मेरी भी उम्र बाकि ,

         तुझको ही मिल जाए | 

       

Saturday, July 10, 2021

EK KADAM ( CHANDRAMA )

 

         एक कदम 


अहसास के लम्हों में ,

प्यार के उन पलों में ,

पास थे हम और तुम ,

पर जैसे पास नहीं थे | 


बाँहों ने तेरी मेरे ,

जिस्म को था लपेटा ,

जैसे की बादलों ने ,

चंदा को है समेटा | 


पर फिर भी दूरियाँ थीं ,

धरा और गगन की ,

तेरे आगोश में भी ,

बुझी ना प्यास मेरे मन की | 


तेरा था दिल बेचैन ,

दिल मेरा भी बेक़रार ,

थे मगर चुप ही दोनों ,

ना थी कोई तकरार | 


चंदा निकला बादलों से ,

फैलाई सब ओर चाँदनी ,

नहाए उसी चाँदनी में ,

हम -तुम ,हाँ ,हम -तुम | 


चाहा पकड़ लें दामन ,

एक कदम और बढ़ा के ,

पर सिमट गए हम खुद ही ,

तुझसे नजर मिला के | 


BHULA DENA ( SMALL POEM )

 

              भुला देना 

 

सोती हूँ चिर नींद में ,

    ना मुझको सदा देना ,

         बस इतनी गुजारिश है ,

             तुम मुझको भुला देना | 

 

आसां नहीं है कोई ,

    ज़ख्मों को हवा देना 

        भटकी हुई नैया को ,

             उस पार लगा देना | 

 

जीवन तो जैसे बीता ,

     तेरे प्यार में  ए - हमदम ,

         तुम भी किसी के प्यार में ,

              जीवन को बिता देना | 

 

मैं कुछ नहीं  तुम्हारी ,

   पर तुम सर्वस्व मेरे ,

        ये सब तुम समझ लो ,

            और मुझको भुला देना | 

    

KYAA KAHOON ? ( JIVAN )

 

             क्या कहूँ  ? 

 

कुछ कहने की आरजू में ,

    चुप रहने की जुस्तजू में ,

        बीत जाएँगे यूँ ही दिन ,

            तुमको पाने के ही ख्यालों में | 

 

जो कुछ भी मैं कह बैठी ,

   तुमको कुछ ज्यादा ही खो बैठी ,

       तुमने क्या बेवफा खा मुझको ? 

            मैं खुद से ही बेवफा हो बैठी | 

 

वो सारी बातें जो बीत गईं ,

   करेंगी सारी उम्र भर पीछा ,

       चाहे कितना उन्हें भुलाऊँ मैं ?

            पर फिर भी ना भूल पाऊँगी | 

 

दिल जो खुशियों में डूबा रहता था ,

    अब वो ख़ुशी को भूल गया ,

         किस तरह वो हँसेगा फिर से ? 

             उसका साथी उसे जो भूल गया | 

 

नहीं हैं शब्द मेरे पास ,

   जो आगे कुछ लिखूँ मैं ,

       मेरे प्रीतम तुम्हीं बोलो ,

           तुम्हें अब क्या और कहूँ मैं ? 

 

     

Wednesday, July 7, 2021

BEKARAAR ( PREM GEET )

 

           बेक़रार 

 

ना जाने कहाँ हो तुम ? 

मेरे जीवन ,मेरे प्रियतम ,

आ जाओ ,आ भी जाओ ,

तुम्हें याद करते हैं हम | 

 

बेक़रार है दिल ,

दर्दों में डूबा है दिल ,

तुम जानते नहीं हो ,

कितने उदास हैं हम ? 

 

कोई नहीं तमन्ना सिवा तुम्हारे ,

अब तक जिए हैं दर्दों के सहारे ,

आओ कि तुम पे अपना ,

सब कुछ वार देंगे हम | 


बैठे हैं इंतजार में ,

बेताब मेरी नजर है ,

एक बार आ भी जाओ ,

मेरे साजन ,मेरे प्रियतम | 


Tuesday, July 6, 2021

MAIN MANAAOON ( PREM GEET )

 

       मैं   मनाऊँ 

 

मेरे हमदम बता मुझको,

इस अवसर पर ,

क्या दुआ दूँ तुझको ? 

 

कुछ नहीं है पास मेरे ,

जो दूँ तुझे ,

ये दिल भी मैं तुझे दे चुकी ,

ये तन भी मैं तुझे दे चुकी ,

दुआएँ हमेशा से हैं तेरी ,

अब तू ही बता मुझको ,

क्या दुआ दूँ तुझको ? 

 

तेरी ख़ुशी के लिए ,

मैं हर ग़म को झेलूँ ,

तू हमेशा मुस्कुराए ,

मैं सारी उदासी ले लूँ | 

 

खिल जाएँ साँसें तेरी ,

चाहे मैं मुरझाऊँ ,

नहीं समझ में आता मेरी ,

कैसे ये दिन मैं मनाऊँ ? 

दिल यही करता है बस ,

तेरी बाँहों में झूल ज़ाऊँ | 

 

Sunday, July 4, 2021

DUNIYA TERI ( PREM GEET )

 

          दुनिया तेरी


सभी खुशियाँ मिलें साजन तुझे ,

ग़म जो हों मिल जाएँ मुझे ,

तू जो खुशियों में डूबे ,

तभी मेरे मन की प्यास बुझे | 


तेरी खुशियों के लिए ,

तो जीवन अर्पण कर दूँ ,

तेरी एक बार की मुस्कान पर ,

मैं नयन अश्रु भर लूँ | 


हर रात तेरी दीवाली हो ,

हर सुबह किरन की लाली हो ,

तेरा दिल भरा हो खुशियों से ,

चाहे मेरा दिल खाली हो | 


खुशियों से दामन छूटे ना ,

कोई सुख भी तुझसे रूठे ना ,

मेरा दिल चाहे टुकड़े - टुकड़े हो ,

तेरा दिल कभी भी टूटे ना | 


तुम रहो सदा इस दुनिया में ,

अब यही है एक इच्छा मेरी ,

खुशियाँ हों तेरे आँगन में ,

दुनिया हो तेरी हरी - भरी | 


AANCHAL KO THAAMANE ( PREMGEET )

 

          आँचल को थामने 

 

 ना जाने आए कब पहलू में वो ,

                हम जान ना सके ,

उनकी नजर में प्यार था ,

                हम पहचान ना सके | 


बाँहों में बँध गए हम ,

     खुद में सिमट गए हम ,

           ये प्यार ही था उनका ,

                 उनसे लिपट गए हम | 


देखा जो इश्क उनका ,

      तो कुर्बान हो गए हम ,

           खुद ही तड़प के दिल में ,

                  मेहमान हो गए हम | 


जो शब्द ही वो बोले ,

     वो था हमें यूँ प्यारा ,

          जैसे हो चाँद पूनम का ,

              ज्यूँ इश्क का सितारा | 


तड़पा दिया उसी ने ,

    हम जिसके हो गए ,

        दो दिल थे एक धड़कन ,

             हम ये क्या हो गए ? 


प्यार उनपे आ रहा था ,

     दिल जिसको पा रहा था ,

          बाँहों में था बदन जब ,

               कुछ ना याद आ रहा था | 

 

यादें भी थीं उसी की ,

   थे जिसके सामने हम ,

       देखो तो लगे हैं ,

           आँचल को थामने हम | 

 

MAN - MEET ( GEET )

 

             मन - मीत 

 

मुझको नजरें नई  दिला दे कोई ,

आज फिर बोलना सिखा दे कोई | 

 

ग़म - ए -तनहाई है जानलेवा ,

आज साथी मेरा लौटा दे कोई | 

 

बीती यादों ने दिल में जख़्म किए ,

कैसे उनको भला कोई सिए ? 

मेरे अहसासों को भुला दे कोई | 

 

मेरा मन -मीत खो गया है कहीं ,

प्यार को तड़पता है दिल मेरा ,

मेरे मन - मीत को बुला दे कोई | 

 

Friday, July 2, 2021

SHRIDDHA SUMAN ( BHAG - 6 )

 

          श्रद्धा सुमन (  भाग - 6 )

 

कैसे रोकेगा दिल को कवि ?

पीने से मादक हाला ,

          कैसे पुकारे ? किसे बुलाए ?

           अपनी प्यारी सी साकी बाला ,

दूर कहीं से मस्त हवा में ,

आया टकरा कर के प्याला | 

         नहीं वहाँ कोई  पीने वाला  ,

          नहीं वहाँ कोई  मधुशाला |  

 

ऊपर स्वर्ग में कैसे पहुँचे ? 

कवि का सुंदर प्रिय प्याला ,

      कैसे मिलेगी कवि को वहाँ पर ?

       प्याले में भरकर हाला ,

नहीं वहाँ पर सुंदर सी ,

कोई भी साकी बाला ,

       नहीं वहाँ पर पीने वाला  ,

        नहीं वहाँ पर मधुशाला | 

 

 

GULJAAR TERAA ( SMALL POEM )

 

        गुलजार  तेरा 

 

हरेक अरमां हो पूरा ,

    हरेक आरजू फले ,

        तेरे जीवन के पौधे में ,

            फूल ख़ुशी के खिलें | 

 

जीवन खुशियों से भर जाए ,

     तेरे प्यार की कलियाँ मुस्काएँ ,

         हर साल मुबारक हो तुझको ,

             हर साल नया सावन लाए | 

 

खुशियों से भरे संसार तेरा ,

   पा जाए हर शय प्यार तेरा ,

       हर वर्ष बहारें आ - आकर ,

          महका जाएँ गुलजार तेरा | 

  

NAYAN MERE ( SMALL POEM )

 

            नयन मेरे


रुक जाते कदम तेरे ,खिल जाते नयन मेरे ,

ये ही दुआ मिलें ना ,तुझे कभी अँधेरे | 


तस्वीर तुम मेरी हो ,तकदीर तुम मेरी हो ,

दिल ढूँढता था जिसको ,वो जिंदगी तुम्हीं हो ,

कोई ग़म ना हो मुझे ,जो साथ रहूँ मैं तेरे | 


ग़म - ए -तनहाई कभी ,जो मुझे तड़पाएगा ,

तेरी याद भी तो ,वो अपने साथ लाएगा ,

तुम याद जब मुझे करोगे ,आऊँगी मैं पास तेरे | 



Thursday, July 1, 2021

HOLI MANAAYI ( GEET )

 

              होली मनायी


सोई तब मैं बाँहों में ,छेड़ दिया साजन ने ,

खोई थी मैं सपनों में ,छेड़ दिया साजन ने | 


ना जाने क्या उसने पिलाया ? 

जरा भी तो होश ना आया ,

पर ना जानूँ क्या मन उसके आई ?

उसने मुझको छेड़ जगाया ,

तब भी थी मैं बाँहों में ,छेड़ दिया साजन ने | 


आँखें खोलीं तो दिल धड़का ,

आईना था हाथों में ,

एक नज़र जो देखा उसमें ,

डूबी थी मैं रंगों में ,

ऐसी होली मनायी  रातों में ,छेड़ दिया साजन ने |