Wednesday, July 31, 2024

DHAMAKII SAAGAR KII ( RATNAAKAR )



                    धमकी सागर की 


सागर से पानी चला ,छल - छल करता जाय  ,

लहरें सागर की मानो ,भागी -भागी जायँ || 


मत उछलो कूदो तुम ,रुक जाओ अंदर आय ,

सागर ने लहरों को ,मानो दिया धमकाय  || 


लहरें तो थीं चंचला ,किस की बात में आयँ ?

वो ना धमकी से डरें ,ना ही वो रुक पायँ || 


पकड़ हाथ रोका सागर ने ,मगर वो उछल के भागीं ,

सागर के ना हाथ में आईं ,हँस -हँस कर वो भागीं || 


चलो खेल लो तुम ,जैसा मन में आय ,

बहुत दूर नहीं जाना तुम ,रस्ता भूल ना जाय || 


SWAAD ( KSHANIKAA )

 

                                       स्वाद 


अपनेपन के बीज जो छिड़के ,हमने अपने दिल में ,

पौधे उगे जो दिल में ,बढ़ते गए ,

फलते - फूलते चले गए || 


पौधे पले ,जाकर दिमाग में ,

बढ़कर पेड़ बने ,फूल लगे उनमें ,

जो फल बने ,समय बीतता गया || 


ये फल निकले ,हमारी जुबान से ,

सबको स्वाद दिया ,

फल मीठा है या कड़वा ,सबने स्वाद लिया || 


Monday, July 29, 2024

JIVAN OR SAMAY ( KSHANIKAA )

 

                            जीवन और समय 


जब धरा पर हम आए ,तब हालात कैसे थे ?

जीवन आगे बढ़ा ,तो समय बदलता चला गया ,

हालात बदलते चले गए || 


जीवन बीतते -बीतते ,समय बहुत बदला दोस्तों ,

समय की प्रवृत्ति ही ऐसी है ,बदलता रहता है || 


जीवन के लंबे समय में हम ,समय के बदलने की ,

प्रतीक्षा कर सकते हैं ,कोशिश कर सकते हैं ,

और उन कोशिशों को पूर्ण कर ,

समय को बदल सकते हैं || 


मगर समय हमें जीवन को ,दोबारा नहीं दिलवा सकता ,

जीवन सिर्फ एक बार ही मिलता है ,

कोशिश करने के बावजूद भीदोस्तों ,

जीवन दोबारा नहीं मिल सकता ,नहीं मिल सकता || 

 

Sunday, July 28, 2024

HAMAARAA MAN ( KSHANIKAA )

 

                      हमारा मन 


कितने सारे कॉलेज हैं ? अलग -अलग पढ़ाई के लिए ,

 कितने सारे विभाग हैं ? अलग -अलग पढ़ाई के लिए ,

क्या कोई ऐसा कॉलेज है ? जिसमें दर्द बेचना सिखाया जाए ,

क्या कोई ऐसा विभाग है ? जिसमें सुकून खरीदना सिखाया जाए || 


तनाव दूर करके ,कोई दिखाए तो दोस्तों ,

सुकून की नींद को ,कोई बुलाए तो दोस्तों ,

दिल में आशाओं की फसल ,कोई उगाए तो दोस्तों ,

मन  की कली को फूल जैसा ,कोई खिलाए तो दोस्तों || 


क्या कोई ऐसा अध्यापक है दोस्तों ? 

क्या कोई ऐसा सलाहकार है दोस्तों ? 

क्या कोई ऐसा डॉक्टर है दोस्तों ? 

मैं बताऊँ ? चलो ठीक है ,वह हमारा मन है ,

वही यह सब कर सकता है ,वही सब कुछ कर सकता है || 


TALAB ( KSHANIKAA )

 

                              तलब 


तलब हर किसी को लगती है ,किसी ना किसी की ,

किसी को चाय की ,तो किसी को कॉफी की ,

हर किसी के स्वाद अलग -अलग हैं ,

किसी को चाय खूब मीठी चाहिए ,किसी को कॉफी कड़वी || 


किसी को लेखन की तलब है ,

कोई लिखता कहानी ,तो किसी की लेखनी गीत लिखती ,

कहानी और गीत का दायरा भी ,सबका अलग -अलग है ,

कोई लिखता प्रेम की चाशनी में डूबी रचना ,

और कोई दुःख भरी दास्तां || 


सभी का अलग दायरा है दोस्तों ,सभी की अपनी सोच ,

मत सोचो दोस्तों ,सब के बारे में ,नहीं तो ,

दिल - दिमाग में  आ जाएगी मोच ,हाँ जी मोच || 


Saturday, July 27, 2024

VISHVAAS HII ( JIVAN )

 

                         विश्वास  ही 


विश्वास गरतुम्हें है किसी पर ,उसका मौन भी समझोगे ,

गर विश्वास नहीं है तुमको ,तो शब्दों के क्या मायने ? 


विश्वास गर तुम्हें है खुद पर ,सब परेशानियाँ सुलझाओगे ,

गर विश्वास नहीं है तुमको ,तो हर परेशानी पर्वत है || 


विश्वास ही सब कुछ है दोस्तों ,उसे बनाए रखो हमेशा ,

यह शक्ति देता है हर समय , हर हालात से लड़ने में || 


विश ( wish ) यानि इच्छा ,वास -- बसता है ,

इच्छा जहाँ बसती है ,और दृढ़ता आती है || 


उसे ही जगाए रखो दोस्तों ,पालते रहो उसे ,

विश्वास के सहारे ही तो ,जीवन सुंदर बन जाएगा || 


Thursday, July 25, 2024

SAMAJH LO ( JIVAN )

 

                       समझ लो 


दिल की बात बताओ उसको ,जो हो सच्चा दोस्त ,

वो ही तो समझेगा केवल ,दिल के अंदर की बात ,

जो नहीं है सच्चा दोस्त ,वो नहीं समझेगा || 


दूजे किसी को बतलाओगे तो ,हँसी उड़ाएगा वो ,

इधर -उधर करके वह तो ,तमाशा बनाएगा वो ,

जो नहीं है सच्चा दोस्त ,वो नहीं समझेगा || 


तो तुम भी समझ जाओ ,बात की गहराई को ,

ऊपर ही ऊपर तैरने दो ,अपने दिल के अंदर की बात ,

जो नहीं है सच्चा दोस्त ,उसकी असलियत तुम समझ लो || 


Wednesday, July 24, 2024

RAFOO ( KSHANIKAA )

 

                                रफू 


जिंदगी में आई ,कोई भी परेशानी ,

जैसे कपड़े में हुआ छेद ,

छेद रफू करने से हो जाता है ठीक ,

ऐसे ही जिंदगी की परेशानी से ,

हुए छेद को मुस्कुराहटों से ,

आप भी रफू कर लो दोस्तों  || 


सफाई से की हुई रफू ,

कपड़े  को नवजीवन दे देती है ,

वैसे ही मुस्कुराहटें ,जीवन को नवजीवन देंगी ,

जिंदगी मुस्कुरा उठेगी ,और नई हो जाएगी || 


जिंदगी को सुंदर बना लो दोस्तों ,

जिंदगी को रंगीन बना लो दोस्तों ,

जिंदगी को मुस्कुराहटों से भर लो दोस्तों || 


Tuesday, July 23, 2024

PAANII KII SARALTAA ( JIVAN )


                    पानी की सरलता 


सरलता ,जीवन के लिए जरूरी है दोस्तों ,

सरलता ,मुस्कानों के लिए जरूरी है दोस्तों ,

बन जाओ सरल तुम दोस्तों || 


सरलता ,किस में  होती है दोस्तों ?

सरलता पानी में होती है दोस्तों ,

सरलता  होने से ही ,

पानी आसानी से बह जाता है दोस्तों || 


पानी देखने पर ,कमजोर लगता है ,

तभी तो पानी ,आसानी से बहने लगता है दोस्तों ,

जीवन पानी में ही ,उत्पन्न हुआ था दोस्तों ,

और पानी में ही ,चलता है दोस्तों || 


मगर ये जरूरी नहीं ,

जो सरल हो ,वह कमजोर भी हो ,

हालात बदलने पर यही पानी ,सारे बंध तोड़ देता है ,

चट्टानों को चकनाचूर कर देता है || 


जीवन उत्पन्न करने वाला पानी ही ,

हालात बदलने पर यही पानी ,

जीवन को लील जाता है ,

सभी कुछ समाप्त कर जाता है दोस्तों || 


Monday, July 22, 2024

THE NILE KINGDOM ( BAAL SAAHITYA )

 

                        THE  NILE  KINGDOM  

This is creation  of my  grand son  

ANSH ARORA ( CLASS - 6 ). 

Please  read ,give your comments,and blessings .


At the break of dawn ,as the first rays of the sun 

touched the golden sands of EGYPT .I ,

Pharoh Anlchesenamun,awoke in my grand 

palace .Today, the fate of the Nile Kingdom

rested upon my young but powerful 

shoulders .

I  was just 20 years old when my father 

JULIUS CAESAR died .I was very lonely

and sad ,but when I became the Pharaoh.

I nervously sat on the throne and sloely 

wore the crown .I remembered my father 

and gathered up courage . One day as the 

sun rose ,I faced a very powerful

 Kingdom .

We had a very large army . So we could 

easily destroy them . The war took place on 

the golden sands in EGYPT . The fight was 

dread ful and many people died . The golden

sands turned into the red sands for a few days .

I killed many people . The soldiers,I loved ,

had passed  away in the war . We won it and  

also got the Kingdom .

When I got old , we started storing granaries

for our future generations . Our villages we 

built next to the NILE river .So that we could 

easily get water and do fishing . Soon after this,

I died and went with my ancesters . I will never 

forget my Kingdom and my people .






Sunday, July 21, 2024

PUSTKAALAY ( JIVAN )


                     पुस्तकालय 


ज्ञान के कमरे का ,दरवाजा खोल लो ,

समझो उस कमरे की ,असलियत को ,

उस कमरे का नाम ,पता क्या है ? 


उस कमरे का नाम ,पुस्तकालय है दोस्तों ,

यानि पुस्तकों का घर ,यानि ज्ञान का भंडार ,

हर पुस्तक है ,ज्ञान का भंडार दोस्तों || 


कोई भी विषय हो ,कोई भी सोच हो ,

सभी के बारे में  ,पुस्तकों में वर्णन होता है ,

तभी तो  पुस्तकें ,ज्ञान का भंडार होती हैं दोस्तों || 


बस आपको  पुस्तकों को ,खोलना है ,

उन पुस्तकों में बसे ज्ञान को ,अर्जित करना है ,

और  अर्जित ज्ञान को ,अपने जीवन में ,

अपने दिल में ,उतारना है ,उतारना है दोस्तों || 


MAN KI JEET ( KSHANIKAA )


                     मन की जीत 


मोरा मन जानत है ,तोहरे मन की बात ,

तोहरा मन भी तो जाने ,मोरे मन की बात ,

मन ही मन का दोस्त है ,मन की ही है प्रीत ,

दोस्त करे अपनी मनमानी ,यही है वाकी रीत || 


मन झूमत है मस्ती में ,मानो हुई गवा बावरा ,

यही तो मन की रीत है ,जैसे मिला साँवरा ,

साँवरे के प्रेम में ,डूब गया होकर मदमस्त ,

नाच - नाच के थका हो ,मगर ना होगा पस्त || 


जग की रीत के साथ ही ,मन की अद्भुत रीत ,

मन हारा तो हम हारे , मन जीता तो हम जीते ,

इसका तो मतलब ,यह हुआ ना ,

मन के हारन से ही हार है ,मन के जीतन से ही जीत || 


Saturday, July 20, 2024

MY BIG BROTHER ( BAAL SAHITYA )

                MY   BIG   BROTHER  

 This creation  is my grand daughter  

ALPANA  ARORA  ( 8 yrs ) ,please 

appreciate  and give your blessings .


My brother 's name is Ansh  Arora .

Today my brother dropped my pencil 

box . My brother's favourite game is 

Foot  ball . My brother's favourite fruit 

is Mango . My brother likes Ghosts .He 

draws different Ghosts .

When I study and brother is free ,he make 

noise .My brother calls all his friends ,a 

lot of times ,to our house .

My brother loves me very much .

I Also love him  .

Thursday, July 18, 2024

BENCH SCHOOL \ COLLEGE KI ( KSHANIKAA )


                     बैंच स्कूल \कॉलेज की 


बैंच स्कूल की या कॉलेज की,अपना अलग महत्त्व रखती थीं ,

अगली बैंच थी अपनी दोस्तों ,हर समय ,हर रोज अपनी थी || 


आगे बैठने पर टीचर्स जो पढ़ाते ,सभी कुछ समझ में आता ,

यदि कभी बैठी दूसरी बैंच पर ,नहीं समझ कुछ आता ,खाली  सब रह जाता || 


समय बीतता गया ,कक्षा -दस पास हुई ,ग्यारहवीं में कॉलेज शुरू हुआ ,

प्रार्थना - पंक्ति में अंत में खड़े हुए ,क्योंकि हम लंबे थे दोस्तों ,

कक्षा में भी उसी क्रम में ,बैठना पड़ा -मतलब पिछली पंक्ति में || 


आधे पीरियड में ,जब कुछ समझ नहीं आया ,

तो हमने टीचर से फर्माया ,आगे बैठने के लिए ,

मगर बाकि लड़कियों को ऐतराज था ,

खैर वह पीरियड हमने ,जैसे -  तैसे बिताया || 


अगला पीरियड फ्री था ,हमने अपना दिमाग लड़ाया ,

पीछे से एक कुर्सी और ,एक डेस्क उठाकर ,

आगे साईड में लगाया ,और बैठक जमाई || 


अगले पीरियड में लड़कियों ने शिकायत लगाई ,

हमने अपना पक्ष रखा ,तो टीचर बोली ,

यह किसी भी लड़की के आगे नहीं है ,

किसी  परेशानी नहीं होगी ,आज से यह यहीं बैठकर पढ़ेगी ,

दो सखियों ने भी हमारे साथ डेरा जमाया ,

और हम तीनों दो साल तक वहीं बैठे || 




Wednesday, July 17, 2024

UDAAN PANKHON SE ( JIVAN )


                 उड़ान पंखों से 


ढूँढ लो जिंदगी को ,प्यार में ,मनुहार में ,

ढूँढ लो जिंदगी को ,प्रेम की बरसात में ,

ढूँढ लो जिंदगी को ,दोस्तों के भरोसे में ,

ढूँढ लो जिंदगी को ,परिवार के ,साथ में || 


मिलेगी जिंदगी ,उन हाथों में ,उन साथों में ,

जिन्होंने तुम्हें ,ये संसार दिखाया ,

जिन्होंने तुम्हें ,राहों में दौड़ना सिखाया ,

पंख देकर तुम्हें ,आकाश में उड़ना सिखाया || 


मिली जो जिंदगी तुम्हें ,उसका सम्मान करो ,

मिली जो राहें तुम्हें ,उन्हीं पर दौड़ जाओ ,

मिले जो पंख तुम्हें ,उन्हें फैलाकर उड़ो ,

मंजिलों तक पहुँचे ,जो तुम तो ,

उन्हें अपना बना लो ,उन्हें अपना बना लो || 


Tuesday, July 16, 2024

SARAA KUSOOR ( JIVAN )


                      सारा कुसूर 


जंगलों को तुमने काट दिया ,कितनों का घर उजाड़ दिया ?

क्यों तुमको सोच नहीं आई ? क्यों तुमको तरस नहीं आया ?

वो मूक जानवर क्या बोलें ? क्यों तुम इतने बेदर्दी हो ?


नदिया में कचरा डाल दिया ,उसको तुमने बेहाल किया ,

मछलियाँ कहाँ जाएँगी बता ?उनका ठौर -ठिकाना बता ,

कैसे सीखेगी आने वाली पीढ़ी ?" मछली जल की रानी है ,"

पानी को तूने गंदा किया ,क्या कोई उसे पी पाएगा ??


रास्ता बदला जब नदिया ने ,लाई उफान अपने अंदर ,

तो तब तू जोर से चिल्लाया ,बाढ़ आई ,बाढ़ आई ,

तेरी ही तो थी सारी खता ,तू भी तो दुःख उठाएगा || 


गर्मी फैली है सब जग ,में अब तू ही इसे सहेगा सुन ,

तापमान बढ़ा धरा का ,सारा कुसूर तो तेरा है ,

क्यों पेड़ और पानी बर्बाद किए ?क्यों सोचा नहीं ? 


परिणाम क्या तू नहीं जानता था ?जल से ही तो जीवन है ,

पेड़ों से ही ये पर्यावरण है ,सब कुछ तो मिटा डाला तूने ,

सारा कुसूर तो तेरा है ,सारा कुसूर तो तेरा है || 


Monday, July 15, 2024

SHAKTI PRAYOG ( SAMAJIK )


                       शक्ति प्रयोग 


काम करते हैं सभी ,मगर उनमें अंतर भी है ,

कोई निर्माण करता है ,कोई विध्वंस करता है ,

निर्माण उत्तम होता है ,विध्वंस अधम होता है ,

तो निर्माण कार्य में ही ,लग जाओ तुम दोस्तों || 


दीमक काम करती रहती है ,मगर विध्वंस का ,

जहाँ काम करती है ,उसे खोखला कर देती है ,

मगर बया पक्षी को देखो ,काम करती है उत्तम ,

घोंसला ऐसा बनाती है कि ,कोई इंजीनियर भी ना बनाए ,

और लागत क्या ? तिनके ,धागे और मेहनत ,बुद्धि || 


परमाणु शक्ति दुनिया को ,शक्ति भी देती है ,

परमाणु शक्ति ही ,दुनिया को नष्ट भी कर देती है ,

ये तो शक्ति को प्रयोग ,करने वाले पर ही निर्भर करता है ,

जैसा शक्ति का प्रयोग होगा ,वैसा ही फल मिलेगा || 


Sunday, July 14, 2024

MAN KII ( KSHANIKAA )


                              मन की  ? 


मन को मजबूत ,बना कर रखो दोस्तों ,

विनम्र जरूर बनाओ ,मगर कमजोर नहीं ,

अहंकार ना पालो ,ना किसी पर तरस खाओ ,

जरूरत पड़ने पर तुम ,मदद जरूर करो दोस्तों  || 


कोई परेशानी आए तो ,घबराने की जरूरत नहीं ,

धैर्य रखो ,धीरज रखो ,थोड़ा समय बीतने दो ,

वक्त ही तो ,हर परेशानी का मलहम है ,

वक्त ही अपनी चाल से ,चलता रहता है || 


परेशानी का वक्त ,कल नहीं था दोस्तों ,

आज आया है ,तो कल ये नहीं रहेगा ,

तो वक्त पर भरोसा रखो ,मन की परेशानी ,

वक्त के साथ ही ,दूर हो जाएगी ,दूर हो जाएगी 

|| 

APANII ( KSHANIKAA )


                         अपनी 


ये दुनिया हमारे लिए ,एक किराए का घर है दोस्तों ,

जितने दिन के लिए हमें मिला है ,हम रह सकते हैं ,

उसके बाद ,खाली करके जाना  ही होगा || 


दुनिया चलाने वाली शक्ति ,जिसने हमें यहाँ भेजा है ,

अनुबंध के समय के बाद ,हमें वापस बुला लेगा ,

आखिरी फैसला तो ,उसी शक्ति के हाथ है दोस्तों || 


दुनिया के इस घर को ,प्यार से ,अपनेपन से सजा लो ,

किराए का घर तो सजाने पर भी ,अपना नहीं हो सकता ,

मगर ये दुनिया तो ,उस महान शक्ति ने बनाई है ,

इसे सजाओगे तो ,जीवन भर के लिए ,

यह अपनी हो जाएगी ,सच में अपनी हो जाएगी || 


Saturday, July 13, 2024

AUR KYAA CHAAHIE ? ( KSHANIKAA )


                    और क्या चाहिए  ? 


जिंदगी से दुःखों को दूर कर लो दोस्तों ,

क्या तरीका है बताओ ,दुःखों को दूर करने का ,

तो अपना अहंकार ही ,छोड़ दो दोस्तों ,

छोड़ते ही अहंकार , सभी दुःख छूट जाएँगे  || 


अहंकार हमें तो ,कुछ भी नहीं देता दोस्तों ,

सबसे ही तो ,हमें अलग कर देता है ,

दूरी ये सबसे ,हमारी बना देता है ,

इसीलिए अपना ,अहंकार ही छोड़ दो दोस्तों || 


छूटते ही अहंकार हमारा ,कुछ तो सुख आएँगे ,

कुछ तो दोस्त बनेंगे ,कुछ तो रिश्ते पनपेंगे ,

होठों पर मुस्कानें उगेंगी ,तो   सुकून मिलेगा ,

आँखों में चमक छाएगी ,तो दिल खिलेगा || 


दिल  के खिलने से ,घर महक जाएगा ,

घर की महक ही तो ,परिवार को महकाएगी ,

और दोस्तों ,परिवार की महक ही ,जग महकाएगी || 


देखा दोस्तों ,एक अहंकार छोड़ने से ही ,

जग महक जाएगा ,मुस्कानों से ,प्यार से ,

और क्या चाहिए हमें ,और क्या चाहिए ?? 


Thursday, July 11, 2024

AATMKATHAA NADII KI ( BAAL SAAHITYA )


                आत्मकथा नदी की 


यह रचना मेरे नाती  अंश अरोरा ( कक्षा -६ )ने

लिखी है | पढ़कर अपनी राय और आशीर्वाद दें |  


सभी लोग मेरा मीठा और शीतल जल पीते हैं | मैं 

धरती को उपजाऊ बनाती हूँ | जरा बताओ मैं कौन 

हूँ ?क्या कहा ,मैं एक नदी हूँ ? हाँ जी हाँ ! मैं एक 

नदी हूँ | आज मैं आपको अपनी आत्मकथा 

सुनाती हूँ | 


पर्वतों पर हुई तेज वर्षा और वहाँ की बर्फ के 

पिघलने से जल की धारा के रूप में जन्म लेकर 

नीचे उतरती हूँ | मैदानी क्षेत्र में नदी के नाम से ,

जिधर भी रास्ता मिले ,उधर बह जाती हूँ | जहाँ -

जहाँ से मैं बहती हूँ ,धरती को उपजाऊ  चलती

हूँ |

 

देश भर में मेरी बहुत सी सखियाँ हैं ,गंगा ,यमुना ,

कृष्णा और कावेरी आदि | वे सब अलग - अलग 

क्षेत्रों में बहती हैं | बहते -बहते एक दिन मैंने देखा ,

लोग गंदा पानी और कचरा मेरे अंदर डालकर मुझे 

गंदा कर रहे थे | मुझे बहुत दुःख हुआ | थोड़े दिनों में  

मैं प्रदूषित हो गई | मेरा गंदा पानी पीकर सब लोग 

बीमार पड़ने लगे | 


फिर एक दिन हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 

सफाई अभियान चलाया | देश के लोगों ने मिलकर 

नदियों की सफाई की ,जिससे मैं और मेरी सखियाँ 

पहले की तरह साफ और स्वच्छ बन गईं | हम खुश 

हो गईं | 


फिर हम सब नदियाँ अलग -अलग रास्ते में बहते -

बहते सागर में मिल गईं | सागर में मिलते ही हमारा  

जल भी नमकीन हो गया | आपने मेरी आत्मकथा 

सुनी ,उसके लिए धन्यवाद || 


Wednesday, July 10, 2024

GALATII ( JIVAN )

          

                      गलती 


जीवन में कोई ,गलती हो जाए अगर ,

उसे मान लीजिए ,यह मानना ही आपकी ,

गलती को सुधारेगा ,यदि गलती सुधारी जाती है ,

तो वह गलती ,गलती नहीं रहती || 


यदि गलती को नहीं मानोगे ,नहीं सुधारोगे ,

तो वह आपकी दूसरी गलती होगी दोस्तों ,

इसलिए गलती को सुधार लो दोस्तों || 


इंसान से गलती हो जाती है ,

यह कोई नई या गलत बात नहीं है ,

मगर अपनी गलती ,नहीं मानना गलत है ,

और उसे नहीं सुधारना तो ,

ज्यादा गलत है दोस्तों ,ज्यादा गलत है दोस्तों || 


Tuesday, July 9, 2024

DRISHTIKON ( KSHANIKAA )


                         दृष्टिकोण 


आँखें मिली हैं सबको ,दुनिया को देखने के लिए ,

देखने की शक्ति मिली ,सभी को बराबर - बराबर || 


मगर आँखों को ,दृष्टिकोण नहीं मिला ,

कुछ भी देखकर ,उसके बारे में ,

आँखें अपना दृष्टिकोण ,नहीं बना सकतीं || 


दृष्टिकोण तो ,मस्तिष्क ही बना सकता है ,

क्यों कि सोचने ,समझने की शक्ति तो ,

मस्तिष्क को ही मिली है || 


और वही ,आँखों द्वारा देखे गए ,

सजीव और निर्जीव ,दृश्य के बारे में ,

टिप्पणी दे सकता है ,

वही तो दृष्टिकोण को ,जीवंत कर सकता है || 


LAHLAHAATI FASAL ( KSHANIKAA )


                 लहलहाती फसल 


आया मौसम बरसात का ,बदरा छाए ,

बरखा आई ,प्रकृति में हरियाली छाई ,

थोड़े से बीज उम्मीदों ,आशाओं ,

और खुशियों के ,दिल की जमीन पर ,

बिखरा दो दोस्तों ,बरखा के ,

इस मौसम में ,वहाँ भी हरियाली छा जाए || 


दिल में उम्मीदों ,आशाओं और खुशियों की ,

फसल लहलहा जाए ,

तब तो जीवन ही , मालामाल हो जाए ,

स्वर्ग लोक बन जाए || 


जल्दी करो ,देर ना लगाओ ,

उगा लो अपनी ,मन - पसंद फसल को ,

और धनवान बन जाओ ,

बना लो जीवन को सुंदर ,बना लो जीवन को सुंदर || 


Sunday, July 7, 2024

ITRA ( KSHANIKAA )

 

                         इत्र 


चाहे जितने इत्र छिड़क लो ,अपने ऊपर ,

चाहे जितने फूल खिला लो ,अपने आँगन ,

फैलेंगी खुश्बुएँ सब ओर ,सब ओर || 


गर्मी के बाद ,वर्षा ऋतु के ,आगमन पर ,

वर्षा की ठंडी बूँदें ,पड़ीं जब गर्म धरा पर ,

जो सोंधी खुश्बु ,सब ओर उड़ी और ,

जीवन सभी का ,उसने महका दिया || 


गर्म माटी पर पड़तीं ,वर्षा की पहली बूँदें ,

जिस खुश्बु को उड़ाती हैं ,उसके मुकाबले ,

इस जग में अन्य कोई ,खुश्बु नहीं है ,

यही सबसे सुंदर ,और महकता इत्र नहीं है || 


CHARON HI ( JALAD AA )


                        चारों ही 


नीले - नीले गगना के अँगना में ,

कारे - कारे बदरा झूम रहे हैं ,

पवन संग बदरा खाये हिचकोले ,

दामिनी की चमक से चमक रहे || 


गगना का अँगना चहक रहा ,

दामिनी की गर्जन से ,

गगना का अँगना चमक रहा ,

दामिनी की चमकन से || 


गगना का अँगना भीग रहा ,

बदरा में समाए जल से ,

गगना ने हाथ थामा बदरा का ,

रोक लिया अपने अँगना || 


गगना बदरा दोस्त हैं गहरे ,

दामिनी भी सखि है साथ में ,

पवन तो है बचपन का दोस्त ,

चारों ही ( गगना ,बदरा ,दामिनी और पवन ) ,

डूबे बचपन की यादों में || 


Saturday, July 6, 2024

DHANYAVAAD ( AADHYAATMIK )

 

              धन्यवाद 


मन - बीन बजा कर ,निर्णय ले 

सुंदर सा ही तू ,निर्णय ले ,

ईश्वर ने जो ,तेरा भाग्य लिखा ,

तू क्यों कोई भी ,निर्णय ले ??


होगा तो वही ,जो उसने लिखा ,

चिंताएँ तू तो  सब तज दे ,

उसने तो सब ,सुंदर ही लिखा ,

जो तेरे लिए ,उसने है लिखा || 


तू अपने ही ,कर्म किए जा ,

सारे ही कर्म ,सुंदर हों ,

ऐसा ही तू सब ,सोच ले ,

और सुंदर कर्मों का ,निर्णय ले || 


तेरे लिए जो ,सुंदर होगा ,

वही तो उसने लिखा होगा ,

तुझे उससे ,जो भी मिला है ,

उसको संजो ले और निर्णय ले ,

कर उसे धन्यवाद ,कर उसे धन्यवाद || 


Thursday, July 4, 2024

ADHOORI - KAHAANI ( CHANDRAMA )


                     अधूरी कहानी 


चाँद की चाँदनी ,जब उतरी धरा पर ,

दिल धरा का ,मचल सा गया देखकर ,

चमकीली चूनर चाँदनी की ,धरा ने जो ओढ़ी ,

डोल गया दिल भी गगन का ,धरा को देखकर || 


" आ धरा तू बन जा ,प्रियतमा मेरी ,

चलें घूमने दूर ,लॉंग ड्राइव पर ,

बातें भी होंगी ,घनेरी धरा तब ,

बिखरेंगी चहुँ ओर ,मुस्कानें हमारी || "


कहा जब गगन ने ,तो धरा शर्माई ,

बोली ," चलो तुम ,साथ में मेरे ,

मैं भी तो चाहूँ हूँ ,साथ तुम्हारा ,

मगर क्या हम दोनों ,साथ -साथ जा पाएँगे ?"


" तुम हो ऊँचाइयों पर ,मैं इतना नीचे ,

बीच में ये दुनिया की ,दीवार है आती ,

कैसे मिलकर ,साथ में चलें हम ?

दुनिया को यह बात ,बिल्कुल ना भाती || "


और दोस्तों रह गई ,यह कहानी ,

अधूरी ही अधूरी ,नहीं हुई पूरी ,

क्या है कोई रास्ता ,जो करे इसे पूरी ?

गगन और धरा की इच्छा ,

गगन और धरा की ,बनकर ,

अधूरी कहानी ,अधूरी कहानी || 




LAY - TAAL ( JIVAN )


                       लय - ताल 


दूरियाँ शहरों की कुछ भी हों ,

दिलों की नहीं होनी चाहिए ,

शब्द कम हों ,पर बोल पूरे हों ,चुप्पी नहीं होनी चाहिए || 


रंग प्यार के हल्के हों या गहरे हों ,

मगर उनमें सफेदी नहीं होनी चाहिए ,

तड़पन प्यार की हमेशा ही ,मीठी -मीठी होनी चाहिए || 


वर्षा  के बीच गगना में ,

दामिनी की झंकार होनी चाहिए ,

वर्षा के बाद गगना में ,इंद्रधनुष की टंकार होनी चाहिए || 


गीत और संगीत जब ,मुखरित होने लगे ,

जिंदगी की लय और ताल ,उसमें होनी चाहिए || 


Tuesday, July 2, 2024

VAADAA ( RTNAAKAR )


                   वादा  


नहीं ! तनाव को पालिए ,मुस्कानें लियो खिलाय ,

जीवन सुख को समेट लो ,उदासियों को देय भूुलाय || 


जीवन भरा समंदर ,मुस्कानों से पूर ,

मत रोको मुस्कानों को ,खिलखिलाओ भरपूर || 


रत्नों  की खान समंदर है ,लहरों के खेल अनेक ,

जीवन मिलता एक है ,मगर रस्ते हैं अनेक || 


मुस्कानों की लहरें लहराईं ,समंदर छोर से बाहर आईं ,

देख वहाँ पर हमको तो ,वो खिलखिल कर मुस्काईं || 


समंदर ने देखा हर ओर ,लहरों को  वापस बुलाया ,

लहरों ने लौटकर जल्दी ,अपना किया वादा निभाया || 


Monday, July 1, 2024

FISALAA LO ( PREM )


                 फिसला लो 


समय मिले ना मिले ,कोई बात नहीं ,

समझ को तो ऊपरी ,माले से उतारो यारों ,

रिश्तों की दौलत को ,तुम प्यार से ,

मनुहार से और ,समझ से समेट लो यारों || 


क्या जाने आगे को ,यह मुमकिन ना हो ?

जीवन का भरोसा क्या ,समय बदलता यारों ?

हर दम ,हर जगह ,फूल खिलें ना खिलें ,

फूलों की खुश्बुओं से ,तुम भी महक लो यारों || 


जिंदगी छोटी है तो ,कोई बात नहीं ,

इसी में जीवन को ,पूरा ही जी लो यारों ,

प्यार के इस मौसम में ,प्यार के बोलों को ,

अपनी जुबान से ही ,फिसला लो यारों ||