दृष्टिकोण
आँखें मिली हैं सबको ,दुनिया को देखने के लिए ,
देखने की शक्ति मिली ,सभी को बराबर - बराबर ||
मगर आँखों को ,दृष्टिकोण नहीं मिला ,
कुछ भी देखकर ,उसके बारे में ,
आँखें अपना दृष्टिकोण ,नहीं बना सकतीं ||
दृष्टिकोण तो ,मस्तिष्क ही बना सकता है ,
क्यों कि सोचने ,समझने की शक्ति तो ,
मस्तिष्क को ही मिली है ||
और वही ,आँखों द्वारा देखे गए ,
सजीव और निर्जीव ,दृश्य के बारे में ,
टिप्पणी दे सकता है ,
वही तो दृष्टिकोण को ,जीवंत कर सकता है ||
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