Wednesday, July 31, 2024

SWAAD ( KSHANIKAA )

 

                                       स्वाद 


अपनेपन के बीज जो छिड़के ,हमने अपने दिल में ,

पौधे उगे जो दिल में ,बढ़ते गए ,

फलते - फूलते चले गए || 


पौधे पले ,जाकर दिमाग में ,

बढ़कर पेड़ बने ,फूल लगे उनमें ,

जो फल बने ,समय बीतता गया || 


ये फल निकले ,हमारी जुबान से ,

सबको स्वाद दिया ,

फल मीठा है या कड़वा ,सबने स्वाद लिया || 


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