Thursday, July 18, 2024

BENCH SCHOOL \ COLLEGE KI ( KSHANIKAA )


                     बैंच स्कूल \कॉलेज की 


बैंच स्कूल की या कॉलेज की,अपना अलग महत्त्व रखती थीं ,

अगली बैंच थी अपनी दोस्तों ,हर समय ,हर रोज अपनी थी || 


आगे बैठने पर टीचर्स जो पढ़ाते ,सभी कुछ समझ में आता ,

यदि कभी बैठी दूसरी बैंच पर ,नहीं समझ कुछ आता ,खाली  सब रह जाता || 


समय बीतता गया ,कक्षा -दस पास हुई ,ग्यारहवीं में कॉलेज शुरू हुआ ,

प्रार्थना - पंक्ति में अंत में खड़े हुए ,क्योंकि हम लंबे थे दोस्तों ,

कक्षा में भी उसी क्रम में ,बैठना पड़ा -मतलब पिछली पंक्ति में || 


आधे पीरियड में ,जब कुछ समझ नहीं आया ,

तो हमने टीचर से फर्माया ,आगे बैठने के लिए ,

मगर बाकि लड़कियों को ऐतराज था ,

खैर वह पीरियड हमने ,जैसे -  तैसे बिताया || 


अगला पीरियड फ्री था ,हमने अपना दिमाग लड़ाया ,

पीछे से एक कुर्सी और ,एक डेस्क उठाकर ,

आगे साईड में लगाया ,और बैठक जमाई || 


अगले पीरियड में लड़कियों ने शिकायत लगाई ,

हमने अपना पक्ष रखा ,तो टीचर बोली ,

यह किसी भी लड़की के आगे नहीं है ,

किसी  परेशानी नहीं होगी ,आज से यह यहीं बैठकर पढ़ेगी ,

दो सखियों ने भी हमारे साथ डेरा जमाया ,

और हम तीनों दो साल तक वहीं बैठे || 




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