Tuesday, July 2, 2024

VAADAA ( RTNAAKAR )


                   वादा  


नहीं ! तनाव को पालिए ,मुस्कानें लियो खिलाय ,

जीवन सुख को समेट लो ,उदासियों को देय भूुलाय || 


जीवन भरा समंदर ,मुस्कानों से पूर ,

मत रोको मुस्कानों को ,खिलखिलाओ भरपूर || 


रत्नों  की खान समंदर है ,लहरों के खेल अनेक ,

जीवन मिलता एक है ,मगर रस्ते हैं अनेक || 


मुस्कानों की लहरें लहराईं ,समंदर छोर से बाहर आईं ,

देख वहाँ पर हमको तो ,वो खिलखिल कर मुस्काईं || 


समंदर ने देखा हर ओर ,लहरों को  वापस बुलाया ,

लहरों ने लौटकर जल्दी ,अपना किया वादा निभाया || 


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