लहलहाती फसल
आया मौसम बरसात का ,बदरा छाए ,
बरखा आई ,प्रकृति में हरियाली छाई ,
थोड़े से बीज उम्मीदों ,आशाओं ,
और खुशियों के ,दिल की जमीन पर ,
बिखरा दो दोस्तों ,बरखा के ,
इस मौसम में ,वहाँ भी हरियाली छा जाए ||
दिल में उम्मीदों ,आशाओं और खुशियों की ,
फसल लहलहा जाए ,
तब तो जीवन ही , मालामाल हो जाए ,
स्वर्ग लोक बन जाए ||
जल्दी करो ,देर ना लगाओ ,
उगा लो अपनी ,मन - पसंद फसल को ,
और धनवान बन जाओ ,
बना लो जीवन को सुंदर ,बना लो जीवन को सुंदर ||
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