Tuesday, July 9, 2024

LAHLAHAATI FASAL ( KSHANIKAA )


                 लहलहाती फसल 


आया मौसम बरसात का ,बदरा छाए ,

बरखा आई ,प्रकृति में हरियाली छाई ,

थोड़े से बीज उम्मीदों ,आशाओं ,

और खुशियों के ,दिल की जमीन पर ,

बिखरा दो दोस्तों ,बरखा के ,

इस मौसम में ,वहाँ भी हरियाली छा जाए || 


दिल में उम्मीदों ,आशाओं और खुशियों की ,

फसल लहलहा जाए ,

तब तो जीवन ही , मालामाल हो जाए ,

स्वर्ग लोक बन जाए || 


जल्दी करो ,देर ना लगाओ ,

उगा लो अपनी ,मन - पसंद फसल को ,

और धनवान बन जाओ ,

बना लो जीवन को सुंदर ,बना लो जीवन को सुंदर || 


No comments:

Post a Comment