तलब
तलब हर किसी को लगती है ,किसी ना किसी की ,
किसी को चाय की ,तो किसी को कॉफी की ,
हर किसी के स्वाद अलग -अलग हैं ,
किसी को चाय खूब मीठी चाहिए ,किसी को कॉफी कड़वी ||
किसी को लेखन की तलब है ,
कोई लिखता कहानी ,तो किसी की लेखनी गीत लिखती ,
कहानी और गीत का दायरा भी ,सबका अलग -अलग है ,
कोई लिखता प्रेम की चाशनी में डूबी रचना ,
और कोई दुःख भरी दास्तां ||
सभी का अलग दायरा है दोस्तों ,सभी की अपनी सोच ,
मत सोचो दोस्तों ,सब के बारे में ,नहीं तो ,
दिल - दिमाग में आ जाएगी मोच ,हाँ जी मोच ||
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